पटनाःबाढ़ अनुमंडल के विभिन्न घाटों पर अनंत चतुर्दशी को लेकर पूजा-अर्चना के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी, इस दौरान श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया. जिसके बाद समुद्र मंथन कर अनंत भगवान की पूजा की. इस विशेष अवसर को लेकर विभिन्न घाटों पर मंदिर प्रशासन की तरफ से विशेष व्यवस्था की गई है.
बिहार में अनंत चतुर्दशी बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि चतुर्दशी के दिन समुद्र का मंथन हुआ था. जिसमें अनंत भगवान उत्पन्न हुए थे. अनंत को भगवान विष्णु का रूप माना जाता है. इस अवसर पर बाढ़ के अलग-अलग मंदिर परिसर में पंडितों ने समुद्र मंथन कर अनंत भगवान की पूजा-अर्चना करवाई.
दूध में खीरा डाल होता है 'समुद्र मंथन'
स्थानीय पंड़ित कृष्ण मोहन पांडेय ने बताया कि अनंत पूजा करने से श्रद्धालुओं की मन्नतें पूरी होती हैं. इस पूजा में श्रद्धालुओं को एक कटोरी में दूध में खीरा से समुद्र मंथन करवाया जाता है. साथ ही पूछा जाता है कि अनंत भगवान से मिले की नहीं, इस तरह इस पूजा को श्रद्धालु करते हैं. वहीं, गंगा घाटों पर पूजा को लेकर स्थानीय लोगों ने फूल, फल, श्रृंगार और बद्दी(अनंत सूत्र) के दुकान भी लगे.
अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन
इस दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है, पूजा कर लोग अनंत सूत्र बांधते हैं. मान्यता के अनुसार इस सूत्र के पहनने से सभी कष्ट दूर होते हैं. स्त्रियां बाएं हाथ और पुरुष दाएं हाथ में अनंत सूत्र धारण करते हैं. वहीं, अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन भी होता है. आज के दिन बप्पा को 10 दिन के बाद विदाई दी जा रही है. इस दिन को अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है.