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बिहार में मोरों की संख्या बढ़ाने को लेकर बनेगी नई योजना - बिहार में मोरों के संरक्षण की योजना

सीएम नीतीश कुमार ने बिहार राज्य वन्यप्राणी पर्षद (Bihar State Wildlife Board) की बैठक में मोरों के संरक्षण की योजना पर जोर दिया. उन्होंने अधिकारियों को इसके लिए प्लान तैयार करने को कहा है, ताकि बिहार में मोरों की संख्या को बढ़ाया जा सके.

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Published : Apr 22, 2022, 1:41 PM IST

पटना:बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के मोरों के गांव के रूप में प्रसिद्ध माधोपुर गोविंद गांव में हाल के दिनों में मोरों की संख्या में कमी आई है. हालांकि सहरसा के आरण गांव में मोरों की संख्या बढ़ रही है. इसे देखते हुए सरकार ने अब उन क्षेत्रों में मोरों के संरक्षणकी योजना (peacock conservation plan in bihar) बनाई है, जहां पहले मोर दिखा करते थे.

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मोर को संरक्षित करने की योजना : पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री नीरज कुमार सिंह (Minister Neeraj Kumar Singh) कहते हैं कि सहरसा का आरण गांव बिहार का इकलौता स्थान है, जहां आज भी ढाई सौ से तीन सौ मोर हैं. उन्होंने आरण में मोर के संरक्षण के लिए संस्थागत व्यवस्था करने की बात मुख्यमंत्री से की है. उन्होंने कहा कि माधोपुर गोविंद में भी मोर को संरक्षित करने की योजना पर वन विभाग काम करेगा. उन्होंने कहा कि मोरों की संख्या बढ़ाने के लिए विभाग पक्षी के जानकारों से बात भी करेगी और उनके दिए गए निर्देशों के बाद वैसी व्यवस्था करेगी.

मोर के लिए बनेंगे खास इलाके: बताया जा रहा है कि मोर के लिए खास इलाके बनाए जाएंगे, जहां कीटनाशक का प्रयोग नहीं होगा. कहा जाता है कि मोरों की मौत जहरीले कीटनाशक खाने से सबसे अधिक होती है. मोर के लिए खास इलाके बनाए जाएंगे, जहां जहरीले कीटनाशक का प्रयोग नहीं होगा. दो दशक पहले माधोपुर गांव में करीब 300 मोर थे, जिासकी संख्या घटकर अब एक दर्जन रह गई है.

मोर के संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर: लोगों का मानना है कि कुछ मोरों की मौत वृद्धावस्था में हुई, वहीं अधिकांश की मृत्यु गांव में सब्जी के खेतों में कीटनाशकों के बड़े पैमाने पर उपयोग के कारण हुई. यह मामला पिछले सोमवार को राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक में भी आया था जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी चिंता व्यक्त की और बैठक में भाग लेने वाले वन और पर्यावरण विभाग के अधिकारियों को मोर के संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा.

वहीं, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के एक अधिकारी कहते हैं कि दिल्ली में आइआइटी, जेएनयू परिसर एवं हौजखास के समीप पार्क वाले इलाके में खुले में मोर मिलते हैं. हमारी कोशिश है कि बिहार के वैसे क्षेत्र में मोरों की संख्या बढ़ाएं, जहां वे पहले से दिखते आए हैं. बता दें कि सोमवार को सीएम नीतीश कुमार ने बिहार राज्य वन्यप्राणी पर्षद (Bihar State Wildlife Board) की बैठक की. इस मौके पर उन्होंने कई आवश्यक दिशा निर्देश अधिकारियों को दिए थे. बैठक में मुख्यमंत्री ने वन्यप्राणियों के साथ-साथ राष्ट्रीय पक्षी मोर के संरक्षण का निर्देश दिया.

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