पटना:कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के कारण प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है. अभी के समय में सीमित संख्या में छात्रों के साथ कॉलेज चल रहे हैं. लॉकडाउन (Lockdown) में शैक्षणिक संस्थान (Educational Institution) बंद रहे. ऐसे में सभी विश्वविद्यालयों का एकेडमिक कैलेंडर (Academic Calendar) विलंब हो गया. स्थिति जैसे-जैसे धीरे-धीरे सामान्य हो रही है, विश्वविद्यालय प्रबंधन एकेडमिक कैलेंडर को दुरुस्त करने के प्रयास में जुट गए हैं.
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पटना विश्वविद्यालय की बात करें तो बिहार का यह सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय है. बिहार का एकमात्र विश्वविद्यालय है जिसका सेशन हमेशा समय पर चलता है. मगर कोरोना के कारण इस बार सेशन विलंब हुआ है. नए सत्र में नामांकन की प्रक्रिया शुरू भी नहीं हुई है. बिहार बोर्ड का इंटरमीडिएट का रिजल्ट काफी पहले आ चुका है और जल्द ही सीबीएसई और अन्य बोर्ड के रिजल्ट भी आने वाले हैं. ऐसे में पटना विश्वविद्यालय प्रबंधन नए सत्र में नामांकन की तैयारियों में लग गया है.
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पटना विश्वविद्यालय के डीन प्रो. डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि कोरोना के कारण जो स्थिति उत्पन्न हुई है, उसको देखते हुए विश्वविद्यालय प्रबंधन नए सत्र में नामांकन के लिए एंट्रेंस टेस्ट नहीं कराने के बारे में विचार कर रहा है. विश्वविद्यालय के वीसी प्रफेसर डॉ गिरीश चौधरी ने बीते दिनों हुए सिंडिकेट की बैठक में यह विचार व्यक्त किया था कि कोरोना के कारण उत्पन्न हालात को देखते हुए एंट्रेंस टेस्ट कराना सही नहीं होगा.
एंट्रेंस टेस्ट में छात्रों की भीड़ बढ़ जाती है और सोशल डिस्टेंसिंग मुश्किल हो जाएगा. इसके अलावा सभी एसओपी को पालन कराना एक गंभीर चुनौती होगी. पटना विश्वविद्यालय के डीन प्रोफेसर डॉक्टर अनिल कुमार ने बताया कि सिंडिकेट की बैठक में काफी पहले यह प्रस्ताव पारित हो चुका है कि पटना विश्वविद्यालय में नामांकन की प्रक्रिया एंट्रेंस टेस्ट के माध्यम से ही होगी.
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'कोरोना से उत्पन्न हालात के चलते इस सत्र के लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन ने मार्क्स के आधार पर नामांकन प्रक्रिया पूरी करने को लेकर मसौदा तैयार किया है. यह सिंडिकेट से पास होकर महामहिम राज्यपाल सह कुलाधिपति के पास अप्रूवल के लिए भेजा गया है. अप्रूवल के लिए भेजे गए मसौदे में सिर्फ इस शैक्षिक सत्र के लिए ही मार्क्स के आधार पर नामांकन की प्रक्रिया की अनुमति मांगी गई है. उम्मीद है कि 2-3 दिन के अंदर इस पर राज्यपाल कार्यालय से निर्णय भी आ जाएगा.' : डॉक्टर अनिल कुमार, डीन, पटना विश्वविद्यालय
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विश्वविद्यालय के डीन प्रोफेसर डॉ अनिल कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रबंधन ने इस बार यह नई तैयारी की है. पटना विश्वविद्यालय में नामांकन के लिए अगर कोई ऑनलाइन अप्लाई करता है तो उसे विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों में अलग से अप्लाई नहीं करना होगा. सिर्फ पटना विश्वविद्यालय के लिए एप्लीकेशन के माध्यम से अप्लाई करना होगा.
विश्वविद्यालय में जितने भी कोर्स छात्र के लायक होंगे, उस आधार पर उसका मेरिट लिस्ट तैयार होगा. जिस प्रकार जेईई में होता है कि एक एप्लीकेशन दिया और हिंदुस्तान के सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए वह एलिजिबल हो जाता है और मेरीट के आधार पर कॉलेज और ब्रांच मिलता जाता है. इसी प्रकार एक छोटी सी प्रक्रिया विश्वविद्यालय के वीसी के मार्गदर्शन में तैयार की गई है. छात्रों की परेशानी को कम करने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं. एक एप्लीकेशन के माध्यम से ही छात्र सेल्फ फायनेंसिंग (Self-Financing) से जुड़े कोर्स, वोकेशनल कोर्स और रेगुलर कोर्स, सभी के लिए एलिजिबल हो जाएंगे.