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पटना: अब आपके घरों में लगेंगे क्यूआर कोड, कचरा उठते ही आएगा मैसेज - बिहार क्यूआर कोड

पटना नगर निगम अप्रैल माह तक कूड़ा उठाओ के लिए ढाई लाख घरों में क्यूआर कोड, कूड़ा नही उठने पर लोग कर सकते हैं निगम को अपनी शिकायत

patna ngar nigam
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Published : Dec 17, 2020, 7:59 PM IST

Updated : Dec 17, 2020, 8:19 PM IST

पटना:नगर निगम अब लगातार स्मार्ट होता जा रहा है. नगर निगम की ओर से डोर टू डोर गाड़ियों से लोगों के घरों के कूड़ा उठाओ का काम शुरू किया है. लेकिन लोगों की शिकायतें होती थी कि उनके घरों का कूड़ा नहीं उठ रहा है. इन शिकायतों को दूर करने के लिए 13 करोड़ रुपये की लागत से नगर निगम शहर के हर घरों में क्यूआर कोड लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

मुख्यालय में मॉनिटरिंग कक्ष
अप्रैल माह तक निगम का दावा है कि ढाई लाख घरों तक क्यूआर कोड लगा दिया जाएगा. लोगों की शिकायतों की मॉनिटरिंग के लिए निगम मुख्यालय में एक मॉनिटरिंग कक्ष भी बनाया जा रहा है. जहां पर निगम के कर्मी डोर टू डोर गाड़ी को देख सकेंगे कि किन घर से कूड़ा उठा है और किन घरों से नहीं. इसके अलावा आम नागरिकों को कचरा शुल्क और कर भुगतान में भी सहूलियत होगी.

क्यूआर कोड लगाने की प्रक्रिया शुरू
पटना नगर निगम क्षेत्रांतर्गत कूड़ा उठाव की निगरानी को लेकर पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा सभी निजी घरों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर क्यूआर कोड लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी. बुधवार को मेयर सीता साहू और उप महापौर मीरा देवी, नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा की उपस्थिति में पाटलिपुत्र अंचल कार्यालय से इस कार्य का शुभारंभ हो चुका है.

देखें पूरी रिपोर्ट

आज से पटना स्मार्ट सिटी के कर्मीं द्वारा वार्ड में क्यूआर कोड लगाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. चार महीने के अंदर काम पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

कैसे काम करता है क्यूआर कोड?
पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड की इंटेलिजेंट सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट (ISWM ) परियोजना के अंतर्गत पटना नगर निगम की सभी होल्डिंग्स की दीवार पर क्यूआर कोड लगाए जाएंगे. साथ ही कंट्रोल रूम में बने वीडियो वॉल पर पटना नगर निगम के सभी होल्डिंग्स का डाटा नक्शे के साथ नजर आएगा.

जानकारी देतीं पीआरओ

प्रत्येक घर/दुकान (होल्डिंग) से कूड़ा लिए जाने के उपरांत सफाई पर्यवेक्षक द्वारा क्यूआर कोड को स्कैन किया जाएगा. कोड स्कैन करते ही कंट्रोल रूम में संबंधित होल्डिंग का रंग हरे रंग में तब्दील होगा. जब तक पर्यवेक्षक द्वारा कोड को स्कैन नहीं किया जाएगा, तब तक कंट्रोल रूम में संबंधित घर के ऊपर लाल रंग दर्शाता रहेगा- हर्षिता चौहान, पीआरओ, पटना नगर निगम

फोन नंबर पर सूचना
सफाई इंस्पेक्टर द्वारा कचरा उठाने के बाद क्यूआर कोड स्कैन करते ही संबंधित करदाता के पंजीकृत फोन नंबर पर कूड़ा उठा लिए जाने का संदेश जाएगा. संदेश के साथ एक लिंक भी करदाता को भेजा जाएगा. जिस पर क्लिक कर वे अपनी शिकायत अथवा प्रतिक्रिया सीधे संबंधित अधिकारी और कंट्रोल रूम को दे सकते हैं.

यदि किसी पर्यवेक्षक द्वारा बिना कूड़ा उठाए ही कोड को स्कैन किया जाएगा. तो गलत संदेश प्राप्त होने पर फौरन करदाता संदेश के साथ भेजे गए लिंक पर क्लिक कर इसकी जानकारी कंट्रोल रूम को दे सकते हैं.

दीवार पर विशेष कोड
बता दें पटना नगर निगम के सभी सफाई पर्यवेक्षकों को विशेष क्यूआर कोड रीडर उपलब्ध करायेगा. ताकि कूड़ा उठाव का काम सही ढंग से हो सके. पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा सभी वार्ड में कोड लगाए जाएंगे. इसकी शुरुआत वार्ड संख्या 23 से की गई है और अप्रैल माह तक सभी होल्डिंग्स की दीवार पर विशेष कोड लगाने का कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित है.

ISWM परियोजना के एक घटक क्यूआर कोड लगाए जाने का कार्य प्रारंभ हो चुका है. परियोजना के अन्य घटकों की वस्तुस्थिति निम्नलिखित हैं:

  • क्यूआर कोड का अधिष्ठापन: पटना नगर निगम क्षेत्रांतर्गत 2,50,000 प्रॉपर्टी पर अप्रैल माह तक क्यूआर कोड लगाया जाएगा. कार्य की शुरुआत वार्ड संख्या- 23 से हो गई है.
  • बायोमेट्रिक अटेंडेंस: पटना नगर निगम के सभी सफाई कर्मियों की उपस्थिति बायोमेट्रिक माध्यम से होगी. पाटलिपुत्र अंचल के 300 सफाई कर्मियों का रजिस्ट्रेशन का कार्य पूर्ण हो गया है. शीघ्र इस कार्य को उक्त अंचल और निगम के सभी अंचलों में पूर्ण कर लिया जाएगा. साथ ही सभी सफाई निरीक्षकों को बायोमेट्रिक अटेंडेंस के लिए मशीन उपलब्ध करवाई जाएगी. जिसके माध्यम से कर्मी अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे. मशीन पर अपनी उंगली का निशान अथवा चेहरा दिखा कर सफाई कर्मी प्रत्येक दिन अटेंडेंस बनाएंगे.
  • वाहनों पर जीपीएस चिप और उनकी जियो फेंसिंग:परियोजना के अंतर्गत अपशिष्ट प्रबंधन से जुड़ी निगम के करीब एक हजार वाहनों पर जीपीएस चिप लगाए जाने हैं. वर्तमान तिथि तक करीब 800 वाहन जीपीएस से लैस हैं. साथ ही सभी वाहनों की जियो फेंसिंग की जाएगी.
  • रियल टाइम लोकेशन: जीपीएस चिप के माध्यम से जहां वाहनों की रियल टाइम लोकेशन ट्रैक की जाएगी. वहीं जियो फेंसिंग के माध्यम से उनके आवागमन की सीमा निर्धारित की जाएगी. जैसे ही कोई वाहन अपनी निर्धारित सीमा को पार कर अन्य क्षेत्र में प्रवेश करेगा, इसकी सूचना कंट्रोल रूम और संबंधित अधिकारी को तत्काल प्राप्त होगी.
  • शिकायत निवारण ऐप:पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ISWM परियोजना के अंतर्गत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए एक ऐप भी तैयार किया गया है. जिसकी विभिन्न मापदंडों के आधार पर टेस्टिंग की जा रही है. ऐप के माध्यम से आम जन साफ सफाई से संबंधित शिकायत अथवा प्रतिक्रिया निगम मुख्यालय को दे सकेंगे. साथ ही कचरा गाड़ी की लोकेशन से संबंधित जानकारी, कचरा शुल्क और कर भुगतान आदि की सुविधा भी ऐप के माध्यम से दी जाएगी.

नए साल की सौगात
पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा उक्त परियोजना के पहले चरण को जनवरी के पहले हफ्ते में लॉन्च कर दिया जाएगा. जैसे-जैसे घरों पर क्यूआर कोड लगाने और ऐप का कार्य पूर्ण होगा, वैसे-वैसे परियोजना को पूर्ण किया जाएगा. इस काम लेकर पटना नगर, टेकइंफी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 13 करोड़ रुपये की लागत से उक्त परियोजना को पूर्ण किया जा रहा है.

Last Updated : Dec 17, 2020, 8:19 PM IST

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