पटना:देशभर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में एक बार फिर बढ़ोतरी होने लगी है. देश की राजधानी दिल्ली से जो आंकड़े सामने आ रहे हैं, उसने सभी को एक बार फिर डरा दिया है. दूसरी ओर दिल्ली के अलावा, अहमदाबाद भोपाल जैसे कई बड़े शहरों में स्थिति गंभीर है. अहमदाबाद में नाइट कर्फ्यू लागू कर दिया गया है. हालांकि, बिहार में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में कमी आई है. लेकिन पटना में हर रोज 100 से ज्यादा संक्रमित मरीज मिल रहे हैं.
गाउंड रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा
कोरोना प्रकोप से बचाव को लेकर सरकार के उठाए गये कदमों की तस्दीक ईटीवी भारत हमेशा से करता रहा है. हमारे संवाददाता अरविंद राठौर ने ग्राउंड जीरो से एक बार फिर ऐसी रिपोर्ट दी है, जो चौंकाने वाली है. दरअसल, पटना में सफाई कर्मियों को कोविड से बचाव के लिए पीपीई किट नहीं दी जा रही है.
पटना से अरविंद राठौर की रिपोर्ट 'कोरोना योद्धा' सफाई कर्मी हर रोज लोगों के घरों से कूड़ा लेने पहुंच रहे हैं. यही नहीं वो कोरोना को लेकर लोगों को जागरूक करते भी दिखाई दे रहे हैं. लेकिन उनके चेहरे पर मास्क ना होना कई तरह के सवाल खड़े करता है. लिहाजा, ईटीवी भारत संवाददाता ने उनसे बातचीत की.
सफाई कर्मी छोटे लाल कहते हैं, 'तीन महीने पहले मास्क मिला था. उससे पहले शुरू में हैंड ग्लव्स और सबकुछ मिला. लेकिन अब कुछ नहीं मिल रहा, मास्क तो दूर की बात. ऐसे में मास्क है ही नहीं तो क्या पहने. मजबूरी है, पेट पालने के लिए ड्यूटी करना जरूरी हो जाता है. त्योहार के दिन भी हमने काम किया.'
पटना में कोरोना के आंकड़े
राजधानी पटना में अब तक कोरोना के कुल 40 हजार 374 मामले मिले हैं. इनमें से 38 हजार 335 मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 310 लोगों ने अपनी जान गवां दी है. वहीं, सक्रिय मामलों की बात करें, तो ये 1 हजार 729 हैं. बता दें कि शनिवार को पटना से कोरोना के 97 नए मरीज मिले थे, जो अन्य जिलों से कहीं ज्यादा है.
पटना नगर निगम नहीं बांट रहा मास्क
पटना नगर निगम दावे करता है कि सैनिटाइजर और मास्क वितरित किया जा रहा है. लेकिन सफाई कर्मचारियों ने जो बताया उससे उनकी जान पर खतरा मंडराता दिख रहा है. कर्मचारियों के बयान से साफ है कि निगम किस तरह उदासीन है. बिना मास्क लगाए सफाई कर्मी से जब पूछा गया कि उनका मास्क कहां है. तो उन्होंने भी मास्क ना होने की बात कही.
मोनू कहते हैं, 'काम कर रहे हैं सर, जो होना है होगा. लोगों को जागरूक कर रहे हैं. मास्क होता तो हम भी लगाकर आते. अब क्या करें, गंदगी उठाने का काम कर रहे, जो होगा देखा जाएगा. निगम मास्क नहीं देता, अगर हम काम पर नहीं आएंगे तो नौकरी से निकाल दिए जाएंगे.'
कहां है पीपीई किट?
हमारे संवाददाता ने पटना के पॉश इलाकों में कूड़ा उठाने वालों से बात की. पाटलिपुत्र अंचल कार्यालय के अंतर्गत बोरिंग रोड, सहदेव पथ, नूतन राजधानी अंचल कार्यालय के अंतर्गत हज भवन का इलाका, सर्कुलर रोड, स्टैंड रोड में नगर निगम कर्मचारी बिना मास्क दिखाई दिए. उनके पास पीपीई किट नदारद दिखाई दी. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल उठता है कि क्या कोरोना के प्रति पटना में डर खत्म हो गया है. नगर निगम इतना लापरवाह क्यों है. अगर ऐसा ही रहा, तो वो दिन दूर नहीं जब पटना से पहले की तरह कोरोना के रिकॉर्ड मरीज मिलने शुरू हो जाएंगे.