पटनाः बिहार में एंबुलेंस घोटाला मामला में पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की. इस मामले में पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. बिहार में एम्बुलेंस चलाने का ठेका देने के मामले में दायर रिट याचिका पर शनिवार को सुनवाई हुई. जस्टिस पीबी बजन्थरी की खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई की. आवेदक द्वारा आरोप लगाते हुए यह मामला उठाया गया कि बिहार सरकार ने सभी नियमों को ताक पर रखकर टेंडर देने का काम किया है.
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जदयू सांसद के पुत्र को टेंडरः टेंडर की शर्तों में टेंडर जारी करने के पश्चात बदलाव किया गया और जदयू सांसद के पुत्र के पक्ष में निविदा देने के लिए काफी धांधली की गई. इस तरह का एम्बुलेंस घोटाला सामने आने के बाद से कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. कोर्ट ने कई इंट्रोलोकेटरी आवेदनों की सुनवाई करते हुए वादी द्वारा दायर आवेदनों को स्वीकार कर लिया. राज्य सरकार से इस पर जवाब तलब किया गया है.
नियम बदलकर दिया टेंडरः वादी के वरीय अधिवक्ता एसडी संजय द्वारा यह दलील दी गई कि जब सरकार ने टेंडर जारी करते वक़्त जो अर्हता निर्धारित की थी, उसे बाद में बदला नहीं जा सकता है. किसी ऐसे ठेकेदार जो पहले की अर्हता की वजह से निविदा में भाग नहीं ले सकते थे, उनके लिए अर्हता में बदलाव करके उन्हें निविदा में शामिल नहीं किया जा सकता है, लेकिन सरकार ने इसमें बदलाव कर टेंडर देने का काम किया है.
छह हफ़्ते बाद होगी सुनवाईः वादी का यह भी कहना था कि राज्य सरकार ने अब सांसद पुत्र को निविदा की शर्तों का उल्लंघन करते हुए पांच साल के लिए समझौता किया है, लेकिन सरकार को नुकसान पहुंचाते हुए सिर्फ़ एक साल के लिए जमा की जाने वाली प्रतिभूति रक़म ली गई है. कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हिए अंतिम सुनवाई के लिए छह हफ़्ते के बाद का समय निर्धारित किया है.
1600 करोड़ रुपए का घोटालाःबता दें कि बिहार में एंबुलेंस के टेंडर मामले में घोटाला सामने आया है. सरकार की ओर से नियम में बदलाव कर JDU सासंद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी की पशुपति कंपनी को यह टेंडर दिया गया है. इस ठेके के माध्यम से 1600 करोड़ रुपए का घोटाला करने का आरोप लगाया गया है. इसी मामले में पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की है.