पटना: बिहार की पटना हाइकोर्ट ने राज्य में बड़ी संख्या में फर्जी डिग्रियों के आधार पर नियुक्त शिक्षकों की बहाली मामले पर सुनवाई की. रंजीत पंडित की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस केवी चन्द्रन की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए निगरानी विभाग को जांच करने के लिए तीन माह की और मोहलत दी. बिहार सरकार व निगरानी विभाग ने हलफनामा दायर किया था. उन्होंने कोर्ट को बताया कि 75 हज़ार ऐसे शिक्षक हैं, जिनका फोल्डर नहीं मिल रहा है.
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समय सीमा निर्धारित करने का निर्देश: पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह एक समय सीमा निर्धारित करें, जिसके तहत सभी सम्बंधित शिक्षक अपनी डिग्री व अन्य कागजात प्रस्तुत करें. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि निर्धारित समय के भीतर कागजात व रिकॉर्ड प्रस्तुत नहीं करने वाले शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए. पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार से कार्रवाई रिपोर्ट तलब किया था. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि बड़ी संख्या में जाली डिग्रियों के आधार पर शिक्षक राज्य में काम कर रहे हैं इसके साथ ही वे वेतन उठा रहे हैं.