पटना में पुस्तक मेला का समापन पटना: राजधानी पटना के गांधी मैदान में 12 दिवसीय राष्ट्रीय पुस्तक मेला का आज समापन हो गया. इस बार 12 हजार से अधिक किताबें बिक चुकी है. पटना पुस्तक मेले का आखिरी दिन विभिन्न स्टॉल्स पर पुस्तक प्रेमी अपनी पसन्द की पुस्तकें खरीद नजर आए. इतना ही नहीं दुकानदारों की कोशिश अधिक से अधिक किताबें पाठकों के हाथों में सौंपकर जाने की है. उसके बाद किताबों की दुनिया सिमट जाएगी.
पटना पुस्तक मेले के स्टॉल में मनपसंद किताब को ढूंढते लोग डिजिटल युग में बढ़ी किताबों की मांग: सीआरडी पटना पुस्तक मेला के आयोजक अमित झा ने बताया कि स्त्री नेतृत्व के थीम पर आयोजित हुए इस बार के पुस्तक मेला में पाठकों का काफी सहयोग देखने को मिला. कोरोना के बाद से कई प्रकाशन बंद हो गए हैं. इस कारण इस बार पुस्तक मेला में प्रकाशकों की संख्या कम रही, लेकिन अच्छी बात रही कि डिजिटल युग में भी पुस्तक पढ़ने के लिए युवा स्टॉल पर पहुंचे.
पटना पुस्तक मेला में लोगों की भीड़ "स्त्री नेतृत्व पर इस बार पुस्तक मेला का थीम रहा. इस कारण काफी अधिक महिला साहित्यकारों के पुस्तकों का विमोचन पटना पुस्तक मेला में हुआ. कई युवा साहित्यकारों की भी पुस्तकें विमोचित हुई. पुस्तक मेला के कारण विभिन्न प्रकाशक बिहारी लेखकों को काफी छाप रहे हैं. यह बेहद सुखद है. डिजिटल जमाने में जब किताब भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं और इस बीच किताब देखने के लिए लोग मेले में आए."-अमित झा, आयोजक, पुस्तक मेला
12 लाख से अधिक की बिकी पुस्तकें: अमित झा ने बताया कि इस बार भी पटना पुस्तक मेला में सबसे अधिक कंपटीशन परीक्षा की तैयारी वाले पुस्तक सबसे अधिक बिके. इसके बाद हिंदी साहित्य की किताबें बिकीं जिसमें उपन्यास और गीत-गजल, शेर-शायरी के किताब शामिल रहे. इसके बाद काफी संख्या में सफल व्यक्तियों के जीवनी की भी बिक्री हुई है. लोगों ने जैक-मा, गौतम अडानी, रतन टाटा जैसे सफल उद्यमियों की ऑटोबायोग्राफी की खरीदारी काफी की है.
राजनेताओं पर लिखी पुस्तकों में लोगों की रुचि: अमित झा ने बताया कि नरेंद्र मोदी, नीतीश कुमार जैसे राजनेताओं पर लिखी पुस्तकों को भी लोगों ने पसंद किया. हर साल की तुलना में इस बार पुस्तक मेला का आयोजन छोटी जगह पर हुई, क्योंकि इस बार गांधी मैदान में दो पुस्तक मेला लगने के कारण काफी अधिक प्रकाशक दूसरे मेला में चले गए. हालांकि प्रतिदिन यहां हिंदी साहित्य के विभिन्न विषयों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम और अलग-अलग प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए गए. मेले में आए लोगों ने इन सबको भी काफी सराहा.
ये भी पढ़ें
'चार दिन इश्क और फिर कह दो अलविदा', बड़ी दिलचस्प है 'किराए की गर्लफ्रेंड', डिमांड है HIGH
पटना पुस्तक मेला में 'वो मेरी पगली दीवानी थी' बटोर रही सुर्खियां, बीपीएससी अधिकारी की है काव्य संग्रह