पटना:बिहार की सियासत तेजी से बदल रही है. हालिया दिनों में जहां महागठबंधन में बिखराव हुआ है, वहीं एक नए गठबंधन को मूर्त देने की कोशिश की जा रही है. इसकी कवायद जाप मुखिया पप्पू यादव की तरफ से चल रही है. पप्पू यादव ने हम प्रमुख पूर्व सीएम जीतन राम मांझी और वामपंथी नेता कन्हैया कुमार से मुलाकात की है. मुलाकात के बाद ट्वीट कर अपने अगले कदम के बारे में इशारा किया है.
कन्हैया से गुफ्तगू करते पप्पू यादव पप्पू यादव गुरुवार को पूर्व सीएम और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी से मुलाकात करने उनके आवास पहुंचे. दोनों नेताओं के बीच बंद कमरे में लम्बे समय तक सियासी मसलों पर चर्चा हुई. दरअसल पप्पू यादव महागठबंधन से दूरी बना रहे दलों के नेताओं से मुलाकात कर तीसरा मोर्चा बनाने में जुट गए हैं. लोकसभा चुनाव में मधेपुरा से पप्पू यादव, गया से जीतन राम मांझी जबकि कन्हैया कुमार को बेगूसराय से हार का सामना करना पड़ा था. हाल के दिनों में मांझी महागठबंधन को अलविदा कह विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान कर चुके हैं.
तीसरा मोर्चा बनाने में जुटे 'पप्पू'
वामपंथी नेता कन्हैया कुमार और जाप प्रमुख के बीच मुलाकात चर्चा से चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है. दरअसल नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के धुर विरोधी पप्पू यादव महागठबंधन से अलग रहने वाले दलों के नेताओं को एकजुट कर रहे हैं. गौरतलब है कि जहां मांझी महागठबंधन से नाता तोड़ चुके हैं. वहीं वामपंथी नेता कन्हैया कुमार बेगूसराय से राजद के समर्थन नहीं मिलने से नाराज हैं. ऐसे में पप्पू यादव तीसरे मोर्चे की नींव रखने की कोशिश में जुटे हैं.
कन्हैया से मुलाकात करते पप्पू यादव
फिर से सक्रिय हुए कन्हैया
बिहार इन दिग्गज नेताओं के बीच मुलाकात से सियासी हलचल बढ़ गई है. दोनों नेताओं से पप्पू यादव की मुलाकात ने एक नए बहस को जन्म दे दिया है. हार के बाद सियासी रूप से कन्हैया कुमार लगभग निष्क्रिय रहे हैं. ट्वीटर पर लगातार सक्रिय रहने वाले कन्हैया ने हार के बाद मात्र 7 ट्वीट किए हैं. वहीं कन्हैया कुमार और मांझी से मुलाकात की तस्वीर पप्पू यादव ने ट्वीटर पर भी शेयर की.
होश और युवा जोश के साथ पप्पू
पप्पू यादव ने अपने ट्वीट से गठबंधन का नेतृत्व मांझी के हाथों में देने का इशारा किया है. पप्पू ने ने ट्वीटर पर लिखा, होश और जोश के साथ बिहार के स्वर्णिम भविष्य के लिए हम दृढ़संकल्पित हैं. मिलकर बदलेंगे बिहार. उम्मीद करते हैं मांझी जी बाबा साहेब और कांशीराम जी के बाद दबे-कुचले की मज़बूत आवाज बन हमारी भावनाओं को समझेंगे. हम, कन्हैया जी और बिहार को बचाने वाले साथी इसके पुनर्निर्माण के लिए साथ खड़े हैं.