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गांव की सरकार बनाने चले पुलिसवाले... शहर में अपराधी हुए बेकाबू

बिहार पंचायत को सफल बनाने की पूरी जिम्मेदारी बिहार पुलिस के कंधों पर है. ऐसे में शहरी क्षेत्रों के भी ज्यादातर पुलिस कर्मियों को चुनावी ड्यूटी में लगाया गया है. इस कारण शहरी इलाकों में आपराधिक घटनाओं में बढ़ोत्तरी हुई है. पढ़ें पूरी खबर..

Bihar Panchayat Election
Bihar Panchayat Election

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Published : Oct 6, 2021, 3:11 PM IST

पटना: बिहार में पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) चल रहा है. इसे सफल बनाने की जिम्मेदारी बिहार पुलिस (Bihar Police) को दी गई है. ऐसे में शहरी क्षेत्रों में कुछ पुलिस कर्मियों को छोड़कर, सभी की ड्यूटी चुनाव में लगा दी गई है. इसके कारण राजधानी पटना (Patna Crime News) सहित बिहार के विभिन्न जिलों में चोरी के साथ-साथ चेन स्नैचिंग, मोबाइल स्नैचिंग की वारदात में काफी वृद्धि हुई है.

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पंचायत चुनाव के मद्देनजर राजधानी पटना के शहरी इलाकों के थानों के साथ-साथ बिहार के बड़े शहरों में जहां पर पंचायत चुनाव नहीं होने वाले हैं, उन थानों से कुछ पुलिसकर्मियों को छोड़कर ज्यादातर पुलिस कर्मियों को चुनाव ड्यूटी में लगा दिया गया है. इसके कारण पुलिस की पेट्रोलिंग में पहले की तुलना में काफी कमी आई है. राजधानी पटना के गांधी मैदान, कोतवाली, बुद्धा कॉलोनी, पिरबोहर, एसके पुरी, पाटलिपुत्र समेत कई अन्य जिलों के शहरी इलाकों के थाने में से पैंथर मोबाइल के जवान के अलावा दारोगा और जमादार को चुनावी ड्यूटी में लगाया गया है.

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पुलिस मुख्यालय के विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार जिस थाने में चार की संख्या में पैंथर मोबाइल के जवान थे, उनमें से दो को चुनाव की ड्यूटी में लगाया गया है. जहां पर 4 दारोगा हैं, उनमें से 3 दारोगा को चुनाव ड्यूटी में लगाया गया है. दरअसल पंचायत चुनाव में अर्धसैनिक बल की तैनाती नहीं होने की वजह से चुनाव को शांतिपूर्ण निष्पक्ष करवाने की पूर्ण जिम्मेदारी बिहार पुलिस के कंधे पर आ गई है.

हर चरण में लगभग एक लाख पुलिस कर्मियों की तैनाती की जा रही है. जिस वजह से शहरी क्षेत्रों में पुलिस की कमी महसूस जा रही है. मिल रही जानकारी के अनुसार कई पूर्व विधायक मंत्री और सांसदों की भी सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मियों को कम किया गया है.

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पुलिस मुख्यालय ने आंकलन कर जिन पूर्व विधायक मंत्री या सांसद के अलावे ठेकेदार या यूं कहें कि प्राइवेट लोगों को सुरक्षा प्रदान की गई थी, उनमें से कईयों की सुरक्षा वापस ले ली गई है. इस दौरान जिनको जान का ज्यादा खतरा नहीं है, वैसे लोगों से सुरक्षा, चुनाव को लेकर वापस ले लिया गया है.

कई पूर्व विधायक सुरक्षा वापस लेने के बाद पुलिस मुख्यालय का चक्कर भी काट रहे हैं. लोजपा के पूर्व विधायक राजू तिवारी की भी सिक्योरिटी वापस ले ली गई है. जिसको लेकर लोजपा विरोध भी कर चुकी है. राजधानी पटना के सभी क्षेत्रों में पुलिस कर्मी की कमी की वजह से पेट्रोलिंग में कमी आ रही है. जिसका नतीजा है कि 4 दिन पहले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा के आवास पर ग्रिल काटकर चोरों ने चोरी की घटना को अंजाम दिया था.

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राजधानी पटना के कौटिल्य नगर स्थित उनके आवास पर चोरों ने लाखों नगद और दस्तावेज की चोरी की है. वहीं सोमवार की शाम 8:00 बजे पटना के डाकबंगला चौराहे पर बुटीक चलाने वाली महिला प्रीति कुमारी से अपराधियों ने सोने की चेन लूट ली. कुल मिलाकर बात करें तो राजधानी पटना सहित बिहार में पुलिस दल की पेट्रोलिंग की कमी के वजह से चेन स्नैचिंग, मोबाइल स्नैचिंग के अलावा चोरी की वारदात में इन दिनों बढ़ोतरी हुई है.

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