पटना: कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए बिहार के डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता सुशील मोदी ने आगामी विधानसभा चुनाव को डिजिटल तरीके से होने की संभावना जताई है. सुशील मोदी ने कहा कि कोरोना की वजह से चुनाव मतदान का तरीका बदल सकता है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, 'हो सकता है इस बार वोट करने जनता को बूथ पर न जाना पड़े.'
सुशील मोदी के इस बयान पर कई दलों ने प्रतिक्रिया दी है. बिहार में सहयोगी पार्टी जदयू ने उनके बयान पर आपत्ति जताई है. जदयू के प्रधान महासचिव के.सी. त्यागी ने कहा कि 'बीजेपी नेता का यह प्रस्ताव अव्यावहारिक और अलोकतांत्रिक है. उन्होंने कहा कि बिहार में चुनाव परंपरागत तरीके से ही होना चाहिए चुनाव में आप डिजिटल प्रचार करोगे, रैली करोगे या प्रेस कांफ्रेंस करोगे, यह संभव नहीं है.
रालोसपा की प्रतिक्रिया
वहीं, माधव आनंद ने कहा कि कोरोना के संकट के दौर में भी सत्ताधारी दल के नेता राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे हैं. सुशील मोदी सिर्फ ट्विटर पर उपलब्ध रहते हैं. बिहार सरकार और सुशील मोदी ग्राउंड लेवल पर कभी भी सर्विस मोड में नजर नहीं आते हैं. उन्होंने कहा है, 'सुशील मोदी हमेशा पिछले दरवाजे से विधान परिषद में पहुंचते रहे हैं, वो लोकतंत्र का मतलब ही नहीं समझते हैं. उनकी इन बातों को गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है.'
सुशील मोदी का बयान
डिप्टी सीएम ने चुनावों को लेकर कहा कि इस बार चुनाव में राजनीतिक दल ज्यादा से ज्यादा डिजिटल माध्यम से वोट मांगते नजर आएंगे. राजनीतिक पार्टियां मोबाइल और टेलीविजन के जरिए वोट की अपील करती दिख सकती हैं. मतदाता भी डिजिटली ऑनलाइन वोटिंग भी करते दिख सकते हैं. बिहार में राजनीतिक दल डोर-टू-डोर कैम्पेन कर सकते हैं. गौरतलब है कि बिहार में इसी साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होना है. लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण के बीच चुनाव कराने को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है.