पटना:बिहार विधानसभा में भोजन अवकाश के बाद नगर विकास विभाग के बजट पर चर्चा हुई. 3 घंटे तक चली चर्चा में विपक्ष और सत्ता पक्ष के कई नेता शामिल हुए. विपक्ष की ओर से स्मार्ट सिटी के चयन से लेकर गरीबों के रैन बसेरा, जलजमाव जैसे मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश हुई. चर्चा के बाद जब नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा सरकार की ओर से जवाब देने लगे तो विपक्ष सरकार पर गरीब विरोधी होने का आरोप लगाते हुए मंत्री के जवाब का बहिष्कार किया और सदन से वॉकआउट कर गए.
55 अरब से अधिक के बजट को मंजूरी मिली
बिहार विधानसभा में नगर विकास विभाग पर चर्चा हुई. इसमें आपदा विभाग, योजना एवं विकास विभाग, पीएचईडी के बजट को भी मंजूरी दे दी गई. नगर विकास विभाग के 55 अरब से अधिक के बजट को भी मंजूरी मिल गई. लेकिन चर्चा के दौरान आरजेडी के अब्दुल बारी सिद्दीकी और भोला प्रसाद यादव तो वहीं कांग्रेस के अवधेश सिंह ने सरकार पर गरीब विरोधी होने का आरोप लगाया. उन्होंने यह भी कहा कि स्मार्ट सिटी के चयन में बिहारशरीफ को प्राथमिकता दी गई. लेकिन गया, दरभंगा जैसे शहर को नजरअंदाज कर दिया गया.
विपक्षी सदस्यों ने लगाया भ्रष्टाचार का आरोप
विपक्षी सदस्यों ने सरकार की योजनाओं में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का भी आरोप लगाया ख़ासकर जलापूर्ति योजना में गड़बड़ी का आरोप लगाया. नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा ने विपक्ष के आरोप को गलत बताया और कहा कि मेरे कार्यकाल में जितना काम नगर विकास विभाग में हुआ है उतना कभी नहीं हुआ. मेरे कार्यकाल में भ्रष्टाचार तो हो ही नहीं सकता है, क्योंकि मैं खुद मॉनिटरिंग करता हूं.
विपक्ष ने सदन से किया वॉकआउट
नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा ने स्मार्ट सिटी पर चल रहे काम की चर्चा की साथ ही पटना में बन रहे अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल के इस साल दिसंबर में पूरा होने की बात भी कही. नमामि गंगा योजना के तहत सीवेज और अन्य योजनाओं की भी चर्चा की. नगर विकास मंत्री जब जवाब देना शुरू किया तो विपक्ष के नेताओं ने चर्चा के दौरान उठाए गए सवाल पर जवाब मांगा. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मंत्री ने जो अपना प्रतिवेदन सदन को लिख कर दिया है, उसे ही पढ़ेंगे. उससे अलग कैसे हट सकते हैं. इस पर मुख्यमंत्री सहित सदस्यों ने जमकर ठहाका लगाया. अब्दुल बारी सिद्दीकी ओर से बार-बार चर्चा के दौरान उठे सवालों के जवाब मांगने और नहीं मिलने के बाद अंत में विपक्ष ने एक साथ सदन से वॉकआउट कर दिया.