पटना: राजधानी पटना में चाय का स्टाल खोलने की होड़ सी दिख रही है. ग्रेजुएट चायवाली फिर दुबई रिटर्न चायवाला खूब चर्चा में रहा. अब नर्सिंग चायवाली चर्चा (Nursing Chaiwali after Graduate Chaiwali) में है. एनआईटी के ठीक सामने प्रीति ने नर्सिंग चाय वाली के नाम से चाय का स्टाल खोला है. तीन- चार महीनों में काफी लोकप्रिय हो गया है. इसकी वजह है कि एनआईटी घाट पटना के प्रमुख पर्यटन स्थलों में है और यहां प्रतिदिन हजारों की तादाद में युवक और युवतियां गंगा घाट का सैर करने पहुंचते हैं. इसी क्रम में प्रीति के नर्सिंग चाय स्टाल पर कई फ्लेवर के चाय उपलब्ध हैं, जो लोगों को स्टाल पर आने के लिए मजबूर कर देता है.
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परिवार में सहमति नहीं थी: प्रीति ने बताया कि शुरू में जब चाय का स्टाल लगाना शुरू किया (Nursing Chai Wali Near NIT Ghat) तो परिवार में सहमति नहीं थी. बाद में धीरे-धीरे उसके इस काम को स्वीकृति मिलने लगी. उन्होंने बताया कि कई वर्षों तक अस्पताल में नर्सिंग का काम की. पैसा भी अधिक नहीं मिलता था और जब भी छुट्टी लेनी होती थी काफी पापड़ बेलने पड़ते थे. कई बार जरूरी मौकों पर भी छुट्टी नहीं मिल पाती थी. प्रीति ने बताया कि उनके परिवार में माता-पिता, एक छोटा भाई और 7 साल की बेटी है. प्रीति ने बताया कि वह अपने पति से अलग बेटी को लेकर रहती हैं. ससुराल में प्रताड़ना से तंग आकर कुछ वर्ष पहले ससुराल छोड़कर मायके आने का निर्णय लिया था. बेटी को अच्छी परवरिश देनी थी, ऐसे में उन्होंने एक रिश्तेदार से 50 हजार कर्ज लेकर चाय का स्टाल शुरू किया.
काम्पीटीशन बढ़ा है: चाय बेच रही प्रीति झा ने बताया कि शुरुआती दिनों में उनके स्टाल पर उम्मीद से कई गुना अधिक बिक्री हुई लेकिन धीरे-धीरे यहां पर कई अन्य स्टाल खुल गए. जैसे एमबीए चायवाला तो कोई अन्य चायवाला. लेकिन फिर भी उनके काफी कस्टमर हैं, जो शाम में गंगा घाट की सैर करने के बाद उनके स्टाल पर आकर चाय जरूर पीते हैं. प्रीति ने बताया कि उनके स्टाल पर कुल 6 फ्लेवर के चाय उपलब्ध हैं. कई लोग फ्लेवर चाय पीना पसंद करते हैं. डिजिटल ट्रांजेक्शन होने से स्टॉल चलाने में भी सहूलियत होती है. वह लोगों को चाय सर्व कर रही होती है, इसी बीच लोग चाय पी कर पेमेंट करके चले जाते हैं.