पटना: बिहार में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. प्रवासी मजदूरों की प्रदेश वापसी के बाद से पॉजिटिव मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है. गौरतलब है कि 3 मई से प्रवासी मजदूरों के आने का सिलसिला शुरू हुआ है. वहीं, बिहार में अब कोरोना संक्रमितों की संख्या तीन हजार को पार कर गया है.
बिहार में मरीजों की तेजी से बढ़ती संख्या का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां 8 दिनों के अंदर संक्रमित मरीज दोगुने से अधिक हो गए.
3000 के पार पहुंचा संक्रमितों का आंकड़ा
प्रदेश में 19 मई को कोरोना संक्रमितों की संख्या जहां 1 हजार 519 थी, जो 27 मई को 3 हजार के पार हो गई. गुरुवार की सुबह राज्य के विभिन्न जिलों में कोरोना संक्रमित 54 लोगों की पहचान होने के बाद राज्य में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 3 हजार 90 तक पहुंच गई है.
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर नजर
- स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो राज्य में 26 मई को 140 नए मरीज सामने आए थे
- जबकि 25 मई को 220 पॉजिटिव मरीजों की पहचान हुई थी.
- इसी तरह, 24 मई को 166 लोगों को कोरोना संक्रमित पाया गया.
- 23 मई को 214, 22 मई को 212, 21 मई को 178 और 20 मई को 197 नए मामले सामने आए.
राज्य में अब तक 15 संक्रमितों की मौत
राहत वाली बात हैं कि संक्रमित इलाज के बाद स्वस्थ भी हो रहे है. बुधवार तक संक्रमितों मे से 918 लोग इलाज के बाद स्वस्थ होकर अपने घर वापस लौट गए हैं. राज्य में अब तक 15 संक्रमितों की मौत हो चुकी है.
मजदूरों के आने के बाद मरीजों की संख्या में वृद्धि
कहा जा रहा है कि प्रवासी मजदूरों के आने के बाद मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी मानते हैं कि प्रवासी मजदूरों के आने के बाद ही संक्रमितों की संख्या बढ़ी है.
2072 प्रवासियों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि
स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह भी कहते हैं, 'तीन मई के बाद बुधवार तक बिहार आने वाले 2,072 प्रवासियों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है जिसमें महाराष्ट्र से 486, दिल्ली से 462, गुजरात से 301, हरियाणा से 187, राजस्थान से 107 सहित अन्य राज्यों से आने वाले प्रवासी श्रमिक शामिल हैं.'
लोकेश सिंह ने बताया कि तीन मई के पूर्व 58 प्रवासी व्यक्ति कोरोना पजिटिव पाए गए थे. पहले चरण में पूरे राज्य में सभी लोगों की डोर टू डोर स्क्रीनिंग करायी गई. उसी तर्ज पर दूसरे चरण में जितने में भी लोग बाहर से आये हैं, उन सबकी फिर से पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर डोर टू डोर विस्तृत स्क्रीनिंग होगी. इस बार डोर टू डोर स्क्रीनिंग टीम के साथ स्किल सर्वे के कार्य करने वाले लोग भी रहेंगे, जिससे प्रवासी श्रमिक से संबंधित पूरी जानकारी मिल सके. बता दें कि बिहार में तीन मई के बाद से 14 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूर आ चुके हैं.