पटना:बिहार में मोहब्बत करने वाले अपनी पसंद के आगे जाति की दीवार को तोड़ रहे हैं. ये हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि राज्य सरकार के समाज कल्याण विभाग (Social Welfare Department) की तरफ से जारी आंकड़े इस बात की तस्दीक कर रहे हैं. दरअसल बिहार सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना में आवेदन करने वालों की संख्या बढ़ रही है. इस योजना के तहत अंतर्जातीय विवाह (Inter Caste Marriage Plan In Bihar) या दिव्यांग महिला पुरुष के साथ विवाह करने पर राज्य सरकार की तरफ से एक लाख रुपये अनुदान के रूप में दिए जाने का प्रावधान है. राज्य सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार सन 2021-22 मई जहां 339 लाभार्थियों को इस योजना के तहत अनुदान दिया गया है. वहीं 2022-23 में अब तक 246 लाभार्थियों के बीच अनुदान बांटा गया है.
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दिव्यांग जनों से भी विवाह करने पर मिलता है अनुदानः दरअसल मुख्यमंत्री विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना में दो योजनाएं सन्निहित है. जिसमें एक योजना निशक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना और दूसरा अंतर्जातीय विवाह योजना है. अंतर्जातीय विवाह या दिव्यांग महिला पुरुष के साथ विवाह करने पर जिसमें महिला एवं पुरुष की आयु 18 और 21 वर्ष से कम नहीं हो तो अंतर्जातीय विवाह के लिए महिला को एवं दिव्यांगजन से विवाह के लिए दिव्यांग जनों को अनुदान देय होता है. अगर ऐसे विवाह में पति पत्नी दोनों दिव्यांग हैं तो दोनों को अनुदान मिलेगा. इसी प्रकार दिव्यांगजन अगर अंतरजातीय विवाह करते हैं तो दिव्यांग विवाह के साथ-साथ अंतर्जातीय विवाह के लिए भी अनुदान भी मान्य होगा.
बड़ी संख्या में आए आवेदनःसमाज कल्याण विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार दोनों ही योजनाओं को एक करके मुख्यमंत्री विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना बनाई गई है और इस योजना में अब तक बेहतर रुझान देखने को मिला है. विभाग द्वारा दिए गए आंकड़े के अनुसार इन दोनों ही योजनाओं में 2021-22 में 565 लाभार्थियों को एक लाख का अनुदान दिया गया है. 2021-22 में इसके लिए 7.27 करोड़ का बजट तय किया गया था. जिसमें से 5.62 करोड़ रुपये लाभार्थियों को दिए गए हैं. जबकि 2022-23 में अब तक 401 लाभार्थियों को अनुदान दिया गया है. 2022-23 में इस योजना के तहत आठ करोड़ रुपये का बजट का प्रावधान किया गया है, जिसमें से 4.1 करोड़ रुपये व्यय किए जा चुके हैं.