पटनाः पटना जंक्शन पर प्रतिदिन महज 100 से 200 लोगों की कोरोना जांच की जा रही है. जंक्शन के गेट नंबर 3 के पास दो से तीन बोगियां होती हैं. उसी तीन बोगियों के यात्रियों की जांच हो रही है. अन्य बोगियों के यात्री गेट नंबर 1 और गेट नंबर 2 से निकल जा रही हैं. यहां सभी यात्रियों की जांच संभव नहीं हो पा रही है. बता दें कि यहां रोजाना हजारों की तादाद में लोग आ रहे हैं. लेकिन सभी की जांच नहीं हो रही है. ऐसे में राजधानी में कोरोना के मामले बढ़ने का खतरा काफी बढ़ चुका है.
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सोशल डिस्टेंसिंग का किसी को ख्याल नहीं
पटना जंक्शन पर 10 प्लेटफॉर्म हैं. प्लेटफार्म एक पर महाराष्ट्र, पुणे, दिल्ली, गुजरात से जो ट्रेनें आती हैं, उन्हीं यात्रियों की कोविड टेस्ट की जाती है. जबकि अन्य प्लेटफार्म पर आनेवाली ट्रेनों के यात्री स्टेशन से निकलने के लिए अलग-अलग रास्तों का प्रयोग कर लेते हैं. इतना ही नहीं, गेट नंबर 3 पर जो जांच हो रही है, उसके कतार में खड़े यात्रियों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं करवाया जा रहा है. रेलवे स्टेशन पर लैब टेक्नीशियन जांच करने में व्यस्त रहते हैं. वे कतार का ख्याल नहीं रखवा पा रहे हैं.
पुलिस बल की भी है तैनाती
बिहार पुलिस बल के जवान भी स्टेशन पर तैनात हैं. लेकिन वे भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करवा पा रहे हैं. सभी यात्री एक-दूसरे से काफी नजदीक होकर खड़े रहते हैं. इससे कोरोना के फैलने का खतरा बना रहता है. इस जगह कौन संक्रमित है और कौन नहीं, यह कहना थोड़ा मुश्किल रहता है. इसलिए यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूरी है.