पटना : बीजेपी, पिछले कई महीने से वीरांगना झलकारी बाई की जयंती को मनाकर अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने में जुटी थी. कई लोग इसे बीजेपी का शक्ति परीक्षण भी मान रहे थे. पर जब पटना के बापू सभागार में कैमरा ने लोगों की तरफ फोकस किया, सब दावे बोगस नजर आने लगे. कहते हैं कैमरा का लेंस झूठा नहीं बोलता है, उस लेंस से साफ दिख रहा था कि ऊपर की गैलरी तो छोड़िए, नीचे की सीटें भी खाली पड़ी थीं. आपको बता दें कि जेपी की स्मृति में भी बापू सभागार में पिछले दिनों कार्यक्रम आयोजित किया गया था, उसमें भी भीड़ बेहद कम थी. यह दूसरा मौका है जब भाजपा को कम भीड़ के चलते शर्मिंदगी उठानी पड़ी.
बीजेपी के कार्यक्रम में सीटें खाली: इस कार्यक्रम से पहले बीजेपी ने दावा किया था कि 20 हजार से ज्यादा लोग कार्यक्रम में आएंगे. बापू सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में 10 हजार क्या, 200 लोग भी शामिल नहीं हुए. आगे मंच पर बीजेपी के नेता थे और अगली कतार में बैठे कुछ कार्यकर्ता थे. पीछे पूरी की पूरी सीट खाली थी. वीरांगना झलकारी बाई की जयंती के बहाने पान बुनकर समुदाय के वोट बैंक को साधा जा रहा था. लेकिन जिस तरह से लोगों की मौजूदगी सभागार में दिख रही है उससे बीजेपी के दावों पर विपक्ष ने सवाल खड़े करने शुरू कर दिया है.
क्या रही हकीकत: बीजेपी के दावे के उलट गिने चुने लोग और कार्यकर्ता ही बापू सभागार में पहुंचे हुए थे. जितनी भीड़ का दावा किया गया था उसकी 2% भी मौजूदगी नहीं थी. बापू सभागार की क्षमता ही 5000 लोगों के लिए है तो फिर वहां 20 से 25 हजार लोग कैसे आते? हालांकि नेताओं ने मंच से इसका एहसास नहीं होने दिया. उन्होंने अपने मुद्दों को मीडिया के जरिए ही आगे बढ़ाने का काम किया. इस दौरान बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी और केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने नीतीश और आरजेडी पर निशाना साधा. नित्यानंद राय ने तो यहां तक कह दिया कि बिहार में जेडीयू अब टूटने वाली है.
जेडीयू का रिएक्शन : जेडीयू ने कम भीड़ होने पर बीजेपी के दावों की हवा निकालते हुए 2024 की याद दिला दी. जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि जातीय गणना की रिपोर्ट आने के बाद पिछड़ा समुदाय भारतीय जनता पार्टी के बहकावे में आने वाला नहीं है. पान बुनकर सभा के रूप में ये कार्यक्रम आयोजित किया गया था. लेकिन इसमें उतनी भी भीड़ नहीं जुटी जितने बापू सभागार में सुरक्षा कर्मी तैनात थे.