पटना:बिहार में एनडीए की सरकार चल रही है लेकिन एनडीए के घटक दलों के बीच किसी भी मुद्दे पर अब एक राय नहीं दिख रही है . यहां तक कि केंद्र की योजनाओं पर भी बीजेपी और जदयू के बीच घमासान शुरू हो जा रहा है. एनडीए के फर्स्ट टर्म में कोऑर्डिनेशन कमेटी बनाई गई थी और नंदकिशोर यादव को कोष का संयोजक बनाया गया था, लेकिन दूसरे टर्म से एनडीए में कोऑर्डिनेशन कमेटी (Coordination Committee in NDA) जैसी कोई चीज नहीं रह गई. सुशील मोदी जरूर महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे. लेकिन सुशील मोदी के जाने के बाद अब जदयू और बीजेपी के बीच हर मुद्दे पर टकराव शुरू हो जा रहा है. देखने से लगता है कि केवल सत्ता के लिए एनडीए के घटक दल एक साथ हैं.
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एनडीए के घटक दलों में आपसी सहमती नहीं: एनडीए में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के नेतृत्व में बिहार में एनडीए की सरकार चल रही है. ऐसे तो 2005 से बीच के कुछ साल को छोड़ दें तो लगातार नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार रही है. शुरुआती दिनों में सरकार बेहतर ढंग से चले इसके लिए कोऑर्डिनेशन कमेटी भी बनाई गई थी और विवादास्पद मुद्दों को सहमति से सुलझा लिया जाता था. लेकिन पिछले कई सालों से एनडीए में कोऑर्डिनेशन कमेटी नाम की चीज अब नहीं रह गई है. एनडीए के घटक दल के नेताओं की बयानबाजी के कारण हमेशा विवाद होता रहा है. बड़े मुद्दों पर जदयू बीजेपी और हम के बीच एक राय नहीं दिखती है. जातीय जनगणना, जनसंख्या नियंत्रण कानून, विशेष राज्य का दर्जा, एनआरसी और वर्तमान के अग्निपथ योजना को लेकर बीजेपी-जदयू के बीच विरोधाभास साफ दिखता है.
बीजेपी योगी मॉडल को कहती है बेहतर: बीजेपी के लोग योगी मॉडल तो जदयू के लोग नीतीश मॉडल को बेहतर बताते रहे हैं और इसके कारण भी विवाद रहा है. सरकार में रहते बीजेपी के तरफ से कानून व्यवस्था पर भी लगातार सवाल उठाए जाते रहे हैं और विपक्ष को इसके कारण हमला करने का मौका भी मिलता रहा है. आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद का तो यहां तक कहना है कि एनडीए में सत्ता-सत्ता का खेल चल रहा है. बीजेपी दोहरी राजनीति कर रही है. सरकार में रहते हुए कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों पर सवाल उठाती है.
हर पार्टी का होता है अपना आईडियोलॉजी: सत्ता को लेकर एनडीए एकजुट है, लेकिन किसी भी मुद्दे पर जदयू और बीजेपी में एक राय नहीं है. इस पर जदयू मंत्री लेसी सिंह का कहना है कि 'ऐसी बात नहीं है. हर पार्टी का अपना आईडियोलॉजी होता है और बिहार में एनडीए गठबंधन में कई ऐसे मुद्दों को बाहर रखा गया है. इस पर विवाद है. इसलिए सरकार चलाने में कहीं कोई बात नहीं है. कुछ लोग जरूर मीडिया में बने रहने के लिए बयानबाजी करते रहते हैं.' वहीं, बीजेपी के वरिष्ठ नेता और विधायक अरुण सिन्हा का कहना है कि बीजेपी और जदयू मिलकर सरकार में अच्छा काम कर रही है. लेकिन कुछ गलतफहमी के कारण यदि पार्टियों के हित का मामला होता तो नजरअंदाज किया जा सकता था. बिहार के हित का मामला है और यह सरकार बिहार के विकास के लिए है.
वो मुद्दा जिसको लेकर इन दिनों बीजेपी और जदयू के बीच विवाद बना हुआ है-
1. विशेष राज्य का दर्जा- जदयू के तरफ से लगातार अभियान चलाया जाता रहा है. तो वहीं, बीजेपी कहती है कि बिहार को विशेष पैकेज मिल रहा है, विशेष राज्य के दर्जे की जरूरत नहीं है.
2. जनसंख्या नियंत्रण कानून- जदयू शिक्षा के माध्यम से जनसंख्या नियंत्रण की बात करती है. जबकि, बीजेपी कानून लाना चाहती है.