पटनाः "मेरे अथक प्रयास के बावजूद भी ऑक्सीजन आपूर्ति में बाधा आ रही है. जिससे दर्जनों भर्ती मरीजों की जान जाने की संभावना बनी रहती है. मैं सशंकित हूं कि ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मृत्यु के पश्चात इसकी सारी जवाबदेही अधीक्षक पर आ जाएगी. अतः मुझे एनएमसीएच के अधीक्षक पद के अतिरिक्त प्रभार से तत्काल प्रभाव से मुक्त किया जाए." अधीक्षक के इस पत्र के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. इस पत्र के माध्यम से उन्होंने एनएमसीएच के हालात को बयां भी कर दिया है. बता दें कि यह पत्र शनिवार को एनएमसीएच के प्रभारी अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को लिखा है.
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पद से मुक्त करने का किया आग्रह
बता दें कि शिशु रोग विभाग के अध्यक्ष और एनएमसीएच के अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह ने अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी और हालात खराब होता देख स्वास्थ्य विभाग को शनिवार को पत्र लिखा. पत्र में उन्होंने लिखा है कि उन्हें उनके पद से मुक्त कर दिया जाए.
दूसरे अस्पतालों में भेजा जा रहा है ऑक्सीजन सिलेंडर
पत्र में उन्होंने पटना स्थित नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के हालात को बहुत खराब बताया है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि ‘पिछले कुछ दिनों से प्रशासन की ओर से नालंदा चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल, पटना में ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ता के भंडार पर नियंत्रण किया जा रहा है. ऑक्सीजन सिलेंडर दूसरे अस्पतालों को भेजा जा रहा है. ऐसे में इस संस्थान में ऑक्सीजन की आपूर्ति में बड़ी मात्रा में कमी आ रही है. मेरे अथक प्रयास के बावजूद भी ऑक्सीजन की आपूर्ति में बाधा बनी हुई है.