सुशील मोदी, राज्यसभा सांसद, भाजपा पटना: बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार हो या ममता बनर्जी हो या अरविंद केजरीवाल हो सभी को पीएम बनने की लालसा है. सभी चाहते हैं कि एक दिन का ही सही देश का पीएम जरूर बनें. उन्होंने कहा कि जेडीयू के लोग देश का पीएम कैसा हो नीतीश कुमार जैसा हो का नारा लगाते हैं. यह जनता देख रही है. सुशील मोदी नीतीश कुमार के उस बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिसमें उनपर पार्टी में कोई पद नहीं देने का आरोप लगाया था.
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नीतीश की राजनीति सभी देख रहे हैं: लालू यादव और नीतीश कुमार की मुलाकात को लेकर भी उन्होंने बड़ा हमला बोला. कहा कि नीतीश कुमार का संगत भ्रष्टाचारियों के साथ हो गया है. उसका ही असर देखने को मिल रहा है जिंदगी भर लालू यादव से लड़ते रहे. गद्दी पर बैठे लालू यादव पर मुकदमा करवाए और आज उन्हें पुचकारने चले हैं. किस तरह की राजनीति नीतीश कुमार कर रहे हैं सभी लोग देख रहा है.
"नीतीश जी कुछ कह लें लेकिन वह एनडीए इसीलिए छोड़े क्योंकि एनडीए में उन्हें पीएम पद की कोई गुंजाइश नहीं दिखी. यूपीए के जरिए वह प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं. निश्चित तौर पर उनकी लालसा पीएम पद की ही है. उधर पश्चिम बंगाल में कम्युनिस्ट पार्टी के लोग ने साफ कह दिया है कि वह तृण मूल कांग्रेस के साथ नहीं आ सकते हैं आप खुद देख लीजिए किस तरह की होड़ महागठबंधन में मची हुई है."- सुशील मोदी, राज्यसभा सांसद, भाजपा
प्रेस कांफ्रेंस नहीं रहने पर सवालः विपक्षी एकता की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं भाग लेने के मामले पर भी सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला. कहा कि राजगीर में मलमास मेला का उद्घाटन आज करना था और क्या कारण था कि कल नीतीश कुमार लालू यादव तेजस्वी यादव वहां प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं रहे और सीधे पटना आ गए. कहीं ना कहीं कोई कारण तो जरूर है. सफाई राजगीर के मलमास मेला का उद्घाटन करना था लेकिन जो सच्चाई है वह सब कुछ सामने दिख रहा है. जब अपना भाड़ा का चार्टर प्लेन था तो फिर उतना जल्दी बेंगलुरु से क्यों लौटे इसका जवाब नहीं देंगे.
संयोजक नहीं बनायाः सुशील मोदी ने कहा कि इस बैठक में भी नीतीश कुमार को संयोजक नहीं बनाया गया. अब कहा जा रहा है कि अगली बैठक में तय होगा. हम तो नीतीश कुमार से कहना चाहते हैं कि अगली बैठक में उन्हें अगर संयोजक भी बनाया जाए तो वह संयोजक नहीं बने क्योंकि नीतीश कुमार का बहुत बड़ा एक तरह से अपमान किया जा रहा है. बैठक हो रही है लेकिन जो बात उनको लेकर कहा गया वहीं से भी नहीं दिख रहा है.