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Modi Surname Defamation Case: राहुल गांधी को राहत मिलने से दुखी मुख्यमंत्री नीतीश, बीजेपी ने बताया यह कारण - Rahul Gandhi

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सर नेम मामले में बड़ी राहत दी है. इसपर कांग्रेस और आरजेडी के नेता उत्साहित हैं और न्याय की जीत बता रहे हैं. वहीं बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस के लोग तो मिठाई बांट रहे हैं लेकिन इस फैसले से किसी को सबसे ज्यादा झटका लगा होगा तो वह नीतीश कुमार हैं.

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Published : Aug 4, 2023, 4:36 PM IST

राहुल गांधी को राहत पर प्रतिक्रिया

पटना:मोदी सरनेम मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेताराहुल गांधीको बड़ी राहत देते हुए सजा पर रोक लगा दी है. राहुल गांधी को राहत देते हुए जज ने कहा कि हम सेशंस कोर्ट में अपील लंबित रहने तक राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाते हैं. इसके साथ ही कांग्रेस में खुशी की लहर है. वहीं विपक्षी गठबंधन इंडिया के तमाम नेता कोर्ट के इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं. इधर बीजेपी ने इस मामले को लेकर जेडीयू पर हमला किया है.

पढ़ें-Comeback Rahul : कांग्रेस का जोश हाई, राहुल की संसद सदस्यता होगी बहाल, लड़ेंगे चुनाव

'राहुल गांधी को राहत से नीतीश कुमार दुखी': बीजेपी प्रवक्ता संजय टाइगर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि राहुल गांधी ने गलती की है, लेकिन दोषसिद्धि तक फैसले पर रोक लगायी गई है. कांग्रेस के लोगों का खुश होना स्वाभाविक है. लेकिन I.N.D.I.A के अगुआ नीतीश कुमार इस फैसले से सबसे ज्यादा दुखी होंगे.

"नीतीश कुमार को बेंगलुरु के बैठक में तवज्जो नहीं दी गई थी. वहां से गुस्से में लौटे थे. अब राहुल गांधी को अंतरिम राहत मिली है. मुझे लगता है कि कांग्रेस जितनी खुशी होगी उतने ही नीतीश कुमार इस फैसले से दुखी होंगे. क्योंकि उनको अब कोई और नहीं पूछेगा. नीतीश को संयोजक बनाने की उम्मीद थी लेकिन नहीं बन सके. अब तो और निराशा का क्षण है. नीतीश इस फैसले से सदमे में होंगे."- संजय टाइगर, बीजेपी प्रवक्ता

RJD ने किया फैसले का स्वागत: वहीं आरजेडी प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा यह न्याय की जीत है. सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को बड़ी राहत दी है. राहुल गांधी की सदस्यता समाप्त की गई थी. बीजेपी को इस फैसले से झटका लगा होगा. सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मंत्री संजय झा ने कुछ भी बोलने से मना कर दिया कहा कि फैसले को देखेंगे उसके बाद ही इस मामले में बोलेंगे.

"यह सत्य और न्याय की जीत है. यह पहला मामला है जिसमें अवमानना के मामले में किसी को अधिकतम सजा दी गई. इस सजा के पीछे की मंशा भी लोग समझ गए थे. लोकसभा की सदस्यता समाप्त करने की मंशा थी. सुप्रीम कोर्ट ने न्याय की गरिमा को बरकरार रखा है."-चितरंजन गगन, आरजेडी प्रवक्ता

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