पटना:बिहार विधानसभा चुनाव में विपक्ष ने बेरोजगारी को सबसे बड़ा मुद्दा बनाया. बिहार की सबसे बड़ी पार्टी आरजेडी का नेतृत्व कर रहे तेजस्वी यादव ने 10 लाख नौकरी देने का वादा तक कर दिया. इसका बड़ा भी देखने को मिला, जब सत्तारूढ़ दल जेडीयू महज 43 सीटों पर सिमट गई. ऐसे में एनडीए गठबंधन को भले ही जीत मिल गई हो और नीतीश कुमार फिर से सीएम बन गए हो. लेकिन कहीं ना कहीं बेरोजगारी का मुद्दा उनके दिमाग में घूम जरूर रहा है. लिहाजा, अब सरकार इस दिशा की ओर काम करने में जुट गई है.
सीएम नीतीश कुमार ने राज्य के सरकारी महकमों में वर्षों से खाली पड़े पदों की जानकारी सभी विभागों से मांगी है.हालांकि, अभी तक डेढ़ दर्जन विभागों ने खाली पदों की जानकारी सरकार को नहीं दी है. इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने कई बार संबंधित विभागों रिमाइंडर पत्र भी भेजा है. विभागों के उदासीन रवैया के चलते भले ही सरकार को राज्यभर में खाली पदों का ब्यौरा जुटाने में वक्त लग रहा है. लेकिन बहाली प्रक्रिया में तेजी लाई गई है.
होगी हाई लेवल मीटिंग
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, नीतीश कुमार के निर्देश पर जल्द ही सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव सभी विभागों के विभागाध्यक्षों के साथ हाई लेवल मीटिंग करने वाले हैं. इतना तो तय है कि जिस तरह से बीते विधानसभा चुनाव में बेरोजगारी बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है, उस पर बिहार सरकार इस बार गंभीर दिख रही है.