पटना: बिहार सरकार ने राजधानी पटना (Patna) में प्रायोरिटी मेट्रो कॉरिडोर में तीन साल में मेट्रो दौड़ाने का लक्ष्य दिया है. हालांकि दोनों कॉरिडोर का काम पूरा करने की समय सीमा वर्ष 2024 रखी गई है. कॉरिडोर का यह कार्य मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट है. लेकिन काम की गति धीमी होने के चलते यह सपना अधूरा रह सकता है.
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पटना में कब दौड़ेगी मेट्रो रेल (Metro In Patna) इस सवाल का जवाब शायद अभी किसी के पास नहीं है. पिछले दिनों बीजेपी के सांसद और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी मेट्रो के कार्य को लेकर सवाल खड़ा कर दिया है. उन्होंने बताया कि अभी तक मात्र 1% ही कार्य धरातल पर दिख रहा है. सुशील मोदी के इस बयान के बाद अब सबके मन में सवाल उठ रहा है कि आखिर पटना मेट्रो काम की रफ्तार धीमी क्यों है?
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ईटीवी भारत (ETV Bharat) की टीम ने इस सवाल को लेकर जांच-पड़ताल की तो जानकारी मिली कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार से पहले चरण में मिली राशि समाप्त हो गई है. पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (Patna Metro Rail Corporation) आर्थिक संकट से जूझ रहा है. फंड के अभाव में निर्माण कार्य की रफ्तार बेहद ही धीमी हो चुकी है. मेट्रो निर्माण कराने की जिम्मेदारी लेने वाली दिल्ली मेट्रो कॉरपोरेशन को 30 अक्टूबर 2020 से ही बकाया है. गौरतलब है कि दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) को प्रत्येक तीन माह पर 25.69 करोड़ कंसल्टेंसी देनी है. इस हिसाब से 77.07 करोड़ रुपये बकाया है.
पटना मेट्रो रेल परियोजना पर लगभग 13,365 करोड़ रुपये से अधिक खर्च होना है. जिसमें 20 फीसदी बिहार सरकार और 20 फीसदी केंद्र सरकार खर्च करेगी. बाकी 60 फीसदी जापान इंटरनेशनल कॉरपोरेशन एजेंसी (Japan International Corporation Agency) से कर्ज लेकर कार्य किया जाना है. लेकिन पैसों के अभाव में पटना मेट्रो कार्य परियोजना की रफ्तार धीमी हो चुकी है. हाइवे इलाके में पटना मेट्रो का दूसरे कॉरिडोर का कार्य चल रहा है. वहीं दिल्ली मेट्रो कॉरपोरेशन लगातार कार्य कर रहे हैं.
दिल्ली मेट्रो कॉरपोरेशन की मानें तो जनवरी 2020 से दिसंबर 2020 तक के कार्य का एजेंसी को भुगतान नहीं किया गया है. 3.1 फीसदी राशि खर्च होने के बावजूद भी अभी तक मात्र 1 फीसदी ही काम धरातल पर दिख रहा है. पटना मेट्रो निर्माण के लिए को लेकर पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव से पहले फरवरी माह में शिलान्यास किया था. इसके निर्माण में 13,365.77 करोड़ रुपये खर्च होना है. 32.487 किलोमीटर लंबे मेट्रो का निर्माण कार्य अक्टूबर 2024 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. इसमें पहला कॉरिडोर लगभग 17.933 किलोमीटर और दूसरा कॉरिडोर 14.554 किलोमीटर लंबा है.
बता दें कि अब तक पटना मेट्रो और जाईका के बीच 55,20.930 करोड़ के लोन के लिए समझौता भी नहीं हो सका है. जिसकी वजह से कार्य में शिथिलता दिखने लगी है. हम आपको बता दें कि मेट्रो के कॉरिडोर टू के निर्माण के लिए डीएमआरसीएल (DMRCL) की ओर से काम किया जा रहा है. डीएमआरसीएल ने राजेंद्र नगर में अंडरग्राउंड रोप का निर्माण के अलावा राजेंद्र नगर, मोइनुल हक स्टेडियम, पटना यूनिवर्सिटी, पीएमसीएच, गांधी मैदान और आकाशवाणी के हाइवे अंडर पास मेट्रो स्टेशन निर्माण को लेकर कार्य करना है. इस प्रोजेक्ट की लागत 1951 करोड़ रुपये है. इस प्रोजेक्ट को 42 महीने में पूरा किया जाना है. मलाही पकड़ी के लिए आईएसबीटी तक लाइन निर्माण के लिए पहले से टेंडर फाइल किया जा चुका है, जिसका काम चल रहा है.