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RCP को आपने बधाई नहीं दी? CM नीतीश-अरे ये सब छोड़िए ना.. - politics in jdu

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह के मंत्री बनने के बाद पहली बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरसीपी पर टिप्पणी की. बधाई नहीं देने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने पत्रकारों को कहा कि 'अरे..ये सब छोड़िए न', इसके बाद बिहार में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है...

नीतीश
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Published : Jul 12, 2021, 6:35 PM IST

Updated : Jul 12, 2021, 6:56 PM IST

पटनाः बिहार की राजनीतिक गलियारे में जिस बात का हल्ला हो रहा था, वो बात आखिरकार कह लें तो सच हो गई है. नीतीश कुमार Nitish Kumar) और आरसीपी सिंह (RCP Singh) की जबरा जोड़ी के बीच इन दिनों कुछ ठीक नहीं चल रहा है, यह बात लगातार ईटीवी भारत कह रहा था, लेकिन खुद मुख्यमंत्री नीतीश जब मंत्री बनने पर आरसीपी (RCP Singh) को बधाई देने के सवाल पर बिफर गए और कह दिए.."अरे ये सब छोड़िए न..पार्टी में ऐसा कोई इश्यू नहीं है". तो इस बात पर मुहर लग गई. नीतीश का यह बयान अब सियासी भूचाल की ओर आगाह कर रहा है.

'अरे ये सब छोड़िय ना... पार्टी में कोई इश्‍यू नहीं है. पार्टी का फैसला है. कैसे कह रहे हैं कि बधाई नहीं दी. लोगों को मालूम नहीं रहता, ऐसे ही बोलते रहते हैं. तरह-तरह की चर्चांएं होती रहती हैं. ऐसी कोई बात नहीं हैं.'- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री बिहार

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दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह के बीच रिश्तों में खटास की खबर को गहनता से ईटीवी भारत ने प्रकाशित किया था. यह कहानी शुरू तब हुई थी जब 17 सालों के बाद जदयू ( JDU ) कोटे से केन्द्र में मंत्री बने आरसीपी सिंह को नीतीश कुमार ने बधाई तक नहीं दी और न ही आरसीपी सिंह ने औपचारिक तौर पर नीतीश कुमार का आभार जताया. इसके बाद जदयू के कद्दावर नेता ललन सिंह ने दोनों के बीच मतभेद के संकेत दे दिए थे.

मुंगेर से जदयू सांसद ललन सिंह ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि साल 2019 में केन्द्रीय मंत्रिमंडल में जदयू का सांकेतिक हिस्सेदार नहीं बनने का फैसला नीतीश कुमार का था. क्योंकि उस समय नीतीश कुमार ही पार्टी के अध्यक्ष थे, लेकिन चूंकि अब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह हैं, इस लिहाज से मंत्रिमंडल में शामिल होने का फैसला उनका ही है.

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ललन सिंह के इस बयान के बाद ही ये साफ हो गया था कि लंबे अरसे तक अपने स्टैंड पर कायम रहने वाले नीतीश कुमार की मर्जी के बिना ही इस बार जदयू सांकेतिक रूप से मंत्रिमंडल में शामिल हुआ है. मंत्रिमंडल में शामिल होने को लेकर जदयू का शुरू से ही सांकेतिक हिस्सेदारी की जगह आनुपातिक हिस्सेदारी की मांग रही है. इस बार भी बिहार में जदयू के 16 सांसद हैं, जबकि भाजपा के 17. इस लिहाज से जदयू को कम से कम से कम दो से तीन मंत्री पद मिलने की उम्मीद थी, लेकिन ललन सिंह के बयान के हिसाब से एक ही पद पर मानने का फैसला आरसीपी सिंह का है.

लेकिन अब तो नीतीश कुमार ने खुद इस सवाल को टाल दिया है. नीतीश के इस बयान के बाद सियासत में होने वाली उठापटक को देखना काफी दिलचस्प होगा.

Last Updated : Jul 12, 2021, 6:56 PM IST

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