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जेडीयू की भीम संसद में जुटी भीड़ से नीतीश गदगद, अशोक का कद बढ़ा, अब क्या करेंगे ललन

JDU Bhim Sansad in Patna पटना के वेटनरी कॉलेज में 26 नवंबर को जेडीयू भीम संसद कार्यक्रम किया गया. आरक्षण की सीमा बढ़ाये जाने के बाद जदयू के इस कार्यक्रम को महत्वपूर्ण माना जा रहा था. भीम संवाद कार्यक्रम में दलित और महादलित का जमावड़ा लगाकर नीतीश कुमार ने अपनी ताकत का एहसास कराया. पढ़ें, विस्तार से.

जेडीयू की भीम संसद
जेडीयू की भीम संसद

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 26, 2023, 8:25 PM IST

पटना में भीम संसद का आयोजन.

पटनाः बिहार के राजनीतिक दल लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं. जेडीयू ने पटना में भीम संसद का आयोजन किया. कार्यक्रम में दलित और महादलित का जमावड़ा लगाकर नीतीश कुमार ने अपनी ताकत का एहसास कराया. जेडीयू ने बड़ी रैली कर भाजपा के समक्ष चुनौती पेश की है. आने वाले दिनों में भाजपा के समक्ष जदयू से बड़ी रैली करने की चुनौती होगी. यहां, हम रैली का बिहार की राजनीति पर क्या असर होगा, इसे समझते हैं.

दलित वोट बैंक पर नजरः नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली पार्टी जदयू ने बड़ी रैली कर राजनीतिक पंडितों को हैरत में डाल दिया है. राजनीतिक दलों के लिए गांधी मैदान रैली के लिहाज से माकूल माना जाता है. गांधी मैदान राजनीतिक दलों की पहली पसंद भी होती है. लेकिन, इस बार जदयू ने रणनीतियों में बदलाव करते हुए गांधी मैदान के बजाय वेटरनरी ग्राउंड में रैली करना मुनासिब समझा. जदयू की नजर 20% दलित वोट बैंक पर है.

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अशोक चौधरी बड़े दलित नेता के रूप में उभरेः पटना में भीम संसद लगाने से पहले जदयू ने गांव-गांव में भीम चौपाल कार्यक्रम चलाया. वेटनरी कॉलेज ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम में एक लाख से ज्यादा लोग के जुटने की बात कही जा रही है. रैली में शामिल होने वालों में ज्यादा संख्या दलित और महादलित समुदाय से आने वालों की थी. रैली के आयोजन का जिम्मा भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने संभाल रखा था. अशोक चौधरी ने रैली की सफलता के लिए पूरे बिहार का दौरा किया था. भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने अपनी छवि बड़े दलित नेता के रूप में बना ली है.

जदयू की ताकत अभी कमी नहीं हुईः महागठबंधन में जदयू को कमजोर माना जा रहा था. खासकर जिस तरह से पार्टी छोड़कर वरीय नेता जा रहे थे, ऐसा लग रहा था कि जदयू का दायरा कम हो रहा है. रैली की सफलता के बाद नीतीश कुमार फ्रंट फुट पर बैटिंग करेंगे. सहयोगी दलों को यह संदेश देने की कोशिश करेंगे कि जदयू की ताकत अभी कमी नहीं हुई है. सीट शेयरिंग में भी जदयू अब दूसरे दलों पर दबाव बनाने की कोशिश करेगा. अधिक हिस्सेदारी की मांग रखी जाएगी.

जेडीयू के भीम संसद में पहुंची भीड़

"लोकसभा चुनाव से पहले बड़ी रैली कर जदयू ने राजनीतिक दलों के समक्ष चुनौती पेश कर दी है. महागठबंधन में जहां नीतीश कुमार ताकतवर महसूस करेंगे वहीं अब भाजपा के समक्ष बड़ी रैली करने की चुनौती होगी. अशोक चौधरी बड़े दलित नेता के रूप में उभर कर सामने आए हैं. पार्टी के अंदर अशोक चौधरी का कद बढ़ेगा इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता."- प्रवीण बागी, राजनीतिक विश्लेषक

भीड़ देखकर नीतीश कुमार थे उत्साहित: भीम संसद में जुटी भीड़ से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खासे उत्साहित दिखे. सीएम ने दो लाख लोगों के जुटने का दावा किया है. मंत्री अशोक चौधरी की तारीफ भी की. मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी पार्टी ने जब रैली की तो देखिए कितनी भीड़ है, लेकिन जब भाजपा के लोगों ने कार्यक्रम किया तो कितने कम लोग थे. नीतीश कुमार का इशारा शनिवार को भाजपा की झलकारी बाई स्मृति कार्यक्रम की ओर था. बता दें कि भाजपा के इस कार्यक्रम में बहुत कम भीड़ जुटी थी.

खचाखच भरा मैदान, चुनावी मोड में जाती दिख रही जेडीयू

"जदयू ने प्रशासनिक मशीनरी का दुरुपयोग कर भीड़ इकट्ठा की है. टोला सेवक तालिमी मरकज और शिक्षा उत्प्रेरक को झूठा आश्वासन देकर लाया गया था. सभा के दौरान उन लोगों के विरोध से यह बात साबित भी हो गया कि जदयू सिर्फ दलितों को ठगने का काम करता है."- अरविंद सिंह, भाजपा प्रवक्ता


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