पटना: बिहार की राजनीतिका अपना एक अलग मिजाज होता है. राजनीति उसी मिजाज पर चलती है, कब कौन सा मुद्दा ऊपर उछल जाए या नीचे गिर जाए कहा नहीं जा सकता. ताजा मामला बिहार की राजनीति से जुड़ा हुआ है. अरसे से सत्ता के गलियारों में यह बात तैर रही थी कि खरमास खत्म होते ही नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार होगा. खरमास के पहले ही रामचरितमानस पर ऐसा विवाद शुरू हुआ है कि अब मंत्रिमंडल विस्तार की बातें कहीं रुक सी गई हैं.
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नीतीश मंत्रिमंडल की स्थिति: पिछले साल अगस्त में जब नीतीश कुमार ने एनडीए का साथ छोड़कर महागठबंधन के साथ सरकार बनाई तो उस वक्त केवल 2 लोगों ने ही शपथ ली थी. उसके बाद जब मंत्रिमंडल का गठन हुआ तो कुल 31 मंत्रियों ने शपथ लिया. इनमें सबसे ज्यादा मंत्री राष्ट्रीय जनता दल की तरफ से बने थे. जदयू की तरफ से 11 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली थी. कांग्रेस से दो और हिंदुस्तान आवाम मोर्चा की तरफ से एक विधायक ने मंत्री पद की शपथ ली. जबकि निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह भी नीतीश कुमार के कैबिनेट में भी शामिल हुए.
बिहार में कितने मंत्री बन सकते हैं?: मंत्रिमंडल गठन के बाद राजद की तरफ से सुधाकर सिंह और कार्तिक सिंह अलग-अलग कारणों से अपना इस्तीफा दे चुके हैं. संविधान के अनुसार केंद्रीय कैबिनेट हो या राज्य का मंत्रिमंडल कुल निर्वाचित सदस्यों की संख्या के 15 प्रतिशत से ज्यादा मंत्री नहीं बनाए जा सकते हैं. कुल निर्वाचित सदस्यों की संख्या को 15 से गुणा कर दिया जाए और उसके बाद 100 से भाग दे दिया जाए और फिर जो संख्या आए उतने ही सदस्य मंत्री बन सकते हैं.
अभी 5 और नए मंत्री ले सकते हैं शपथ: यानी बिहार में कुल 243 सीटें हैं. 243 विधायकों की संख्या के 15 फ़ीसदी ही मंत्री बनाए जा सकते हैं. 243 को 15 से गुणा करने पर 36.45 संख्या होती है और इसमें 100 से भाग देने पर परिणाम 36.45 आता है. इस प्रकार स्पष्ट है कि बिहार में 36 से ज्यादा मंत्री नहीं बनाए जा सकते हैं. राज्य मंत्री मंडल में अभी 31 मंत्री हैं. इसके हिसाब से अभी 5 मंत्री और बनाए जा सकते हैं. सारी कवायद इन 5 सीटों पर मंत्री बनाने को लेकर ही थी. लेकिन रामचरितमानस विवाद शुरू होने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार थोड़े ठंडे बस्ते में चला गया है.
क्या है कांग्रेस की मांग: राज्य सरकार में अहम घटक दल के रूप में शामिल कांग्रेस पार्टी का कहना है कि मंत्रिमंडल विस्तार का कार्य सीएम का होता है. वह जब आवश्यक समझेंगे मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाएगा. हालांकि असीत यह भी कहते हैं सरकार में कहीं कोई उठापटक नहीं है. कहीं कोई खींचतान नहीं है. किसी एक की बयानबाजी से सरकार पर कोई असर नहीं पड़ता है. सब कुछ तय है कि मंत्रिमंडल का विस्तार होगा. पार्टी सूत्रों के अनुसार कांग्रेस पार्टी मंत्रिमंडल विस्तार में 2 सीटों पर अपनी नजरें जमाए हुए हैं.