पटना:केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को फुलवारी शरीफ इलाके में एक संदिग्ध आतंकी मॉड्यूल के भंडाफोड़ की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने का फैसला (NIA will investigate phulwari sharif terror module) किया. पटना पुलिस एटीएस और एनआईए की एक संयुक्त टीम ने 14 जुलाई को कट्टरपंथी समूह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के एक प्रशिक्षण शिविर का भंडाफोड़ किया था, जिसके बाद कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
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मिशन इस्लामिक स्टेट: छापेमारी में भारत को एक इस्लामिक राज्य बनाने के लिए पीएफआई के 'मिशन 2047' के बारे में दस्तावेजों को भी जब्त किया गया. पुलिस ने कहा कि वे कथित तौर पर मुस्लिम युवाओं को जिहाद पर प्रशिक्षण प्रदान कर रहे थे और 2047 तक भारत को एक इस्लामी देश बना रहे थे. संयुक्त टीम ने 26 लोगों के खिलाफ दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की है और इनमें से अब तक आठ को गिरफ्तार किया गया है.
एनआईए फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल की जांच करेगी: मुख्य आरोपी मोहम्मद जलालुद्दीन, झारखंड पुलिस में सेवानिवृत्त उप निरीक्षक, का फुलवारी शरीफ में एक घर है जहां वह एक अन्य आरोपी अतहर परवेज के साथ पीएफआई की छत्रछाया में मुस्लिम युवकों को शारीरिक प्रशिक्षण प्रदान कर रहा था. वे कथित तौर पर भारत के खिलाफ मुस्लिम युवाओं का ब्रेनवॉश कर रहे थे. परवेज का एक भाई है जिसका नाम मंजर आलम है जो 2013 में पटना के गांधी मैदान में तत्कालीन प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली के दौरान सीरियल आतंकी विस्फोट में शामिल था.
इससे पहले गुरुवार को पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बिहार पुलिस को पत्र लिखकर फुलवारी शरीफ मामले की जांच बिहार एटीएस को सौंपने की मांग की थी. ढिल्लों ने एडीजीपी कानून व्यवस्था जितेंद्र सिंह गंगवार को लिखे पत्र में मामले को बिहार एटीएस को स्थानांतरित करने की सिफारिश की है. मामले की जांच का नेतृत्व पटना पुलिस कर रही थी, जिसमें बिहार एटीएस, एनआईए और इंटेलिजेंस ब्यूरो सहायता और सहायता प्रदान कर रहे थे.
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