पटनाः बिहार में सड़क और बिजली के क्षेत्र में सबसे ज्यादा काम हुए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिजली और सड़क क्षेत्र में हुए कामों को अपनी बड़ी उपलब्धि मानते रहे हैं. खासकर सड़क के क्षेत्र में 2005 के बाद जबरदस्त काम हुआ. पहले 6 घंटे में बिहार के किसी दूरस्थ जगह से मुख्यालय पहुंचने का लक्ष्य तय किया गया और उसे पथ निर्माण विभाग ने पूरा भी किया. अब इसे घटाकर 5 घंटे कर दिया गया है. इस लक्ष्य को पाने के लिए नदियों पर कई पुल का निर्माण किया जा रहा है.
एनडीए को मिलेगा लाभ
बड़े शहरों में बाईपास का निर्माण हो रहा है. ग्रामीण सड़कों पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है. सड़कों के मेंटेनेंस के लिए 7 साल की पॉलिसी भी तैयार की गई है. पहले भी नीतीश कुमार रोड सेक्टर में हुए कामों को चुनाव में भुनाते रहे हैं, इस बार विधानसभा चुनाव में भी वे इसे भुनाने की कोशिश करेंगे. विशेषज्ञ भी कहते हैं कि एनडीए को इसका लाभ मिलेगा.
नीतीश सरकार में राज्य उच्च पथों व वृहद जिला पथों के निर्माण और उन्नयन के लिए किए गए काम
- साल 2006- 2007 से 2009 -10 तक-6735 किलोमीटर
- साल 2009 -2010 से 2014- 15 तक- 9913 किलोमीटर
- साल 2014- 2015 से 2019- 20 अब तक-10287 किलोमीटर
- 2005 से 1 लाख 15 हजार 228 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का भी निर्माण कराया जा रहा है जिसमें 93 हजार 417 किलोमीटर का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. साल 2006 तक मात्र 835 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण कराया गया था.
- 34 आरओबी का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया है. 58 जगहों पर रेलवे क्रॉसिंग हैं उन्हें चिन्हित कर आरओबी का निर्माण कराया जा रहा है.
पथ निर्माण विभाग अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए गंगा सहित कई नदियों पर पुल का निर्माण भी किया है. गंगा नदी में स्थित पुल
1. बक्सर पुल
2.आरा-छपरा पुल
3. जेपी सेतु पुल
4.राजेंद्र सेतु
5.महात्मा गांधी सेतु
6.विक्रमशिला सेतु
गंगा नदी पर निर्माणाधीन पुल
1. जेपी सेतु के समानांतर पुल (प्रस्तावित)
2.गांधी सेतु के समानांतर पुल (प्रस्तावित)
3.कच्ची दरगाह बिदुपुर पुल 6 लेन का पुल( अगले साल पूरा होगा)
4. शेरपुर दिघवारा पुल
5.बख्तियारपुर ताजपुर पुल
6. मोकामा पुल के समानांतर पुल
7.विक्रमशिला सेतु के समानांतर पुल और
8.मुंगेर पुल
गंगा नदी पर कच्ची दरगाह बिदुपुर 6 लेन पुल, बख्तियारपुर ताजपुर पुल, अगवानी घाट सुल्तानगंज पुल राज्य सरकार निर्माण करवा रही है. इसके साथ गंडक, कोसी सहित कई नदियों पर भी पुल का निर्माण किया गया है. शहरों में भी फ्लाईओवर बड़े पैमाने पर तैयार किया गया है. राष्ट्रीय उच्च पथों पर भी केंद्र सरकार ने बड़ी राशि दी है जिससे कई बड़े प्रोजेक्ट जो लंबे समय से अटके हुए थे उस पर तेजी से काम होगा.
जीरो से किया स्टार्ट
प्रो डीएम दिवाकर ने कहा कि रोड सेक्टर में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने अच्छा काम किया है. लोगों को इससे लाभ मिल रहा है और इसका फायदा चुनाव में एनडीए को भी मिलेगा. वहीं पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने रहा कि आरजेडी शासन काल से कोई तुलना ही नहीं है. हम लोगों ने जीरो से स्टार्ट किया है और आज बिहार के विकास की जब भी चर्चा होती है तो उसमें रोड क्षेत्र में हुए कार्य को महत्वपूर्ण माना जाता है.हालांकि, आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि बिहार में विकास के नाम पर लूट मचा हुआ है. उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार को बिहार के विशेष पैकेज और विशेष राज्य के दर्जे के बारे में भी बताना चाहिए.
रोड पर 15 साल में हुई खर्च राशि
एनडीए नेताओं की ओर से सड़क पर खर्च की गई राशि का आंकड़ा भी पेश किया जाता रहा है. उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने पिछले दिनों ट्वीट के माध्यम से यह जानकारी दी कि बिहार में आरजेडी के शासनकाल में 1990-1991 से 2004 -2005 के दौरान सड़कों पर खर्च होने वाली राशि मात्र 6071.57 करोड़ थी, जिसमें 60 प्रतिशत मरम्मत पर खर्च की गई थी.
आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी एनडीए सरकार बताती रही है बड़ी उपलब्धि
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि एनडीए के 15 साल के कार्यकाल में 2004-2005 से 2019-2020 तक सड़कों पर एक लाख 40 हजार करोड़ की राशि खर्च की गई.
इसे एनडीए सरकार अपनी बड़ी उपलब्धि बताती रही है. यह तय है कि इस बार विधानसभा चुनाव में भी पार्टी इसे भुनाने की कोशिश करेगी, ऐसे में देखना है विपक्ष किस प्रकार इसका जवाब देता है.