पटना: बिहार में महागठबंधन और एनडीएदोनों में सीटों के बंटवारे को लेकर घमासान मचा हुआ है. एक तरफ महागठबंधन में शामिल सभी दल टिकट के मसले पर समझौते को अब तक पूरी तरह तैयार नहीं हैं. वहीं, जदयू से बीजेपी में गए कई दिग्गजों को लेकर एनडीए में भी पेंच फंसगया था. लेकिन सीएम नीतीश कुमार के आगे बीजेपी को झुकना पड़ा.
जेडीयू से सम्राट चौधरी और नीतीश मिश्रा ने बीजेपी का हाथ थाम लिया था. बीजेपी ने दोनों को पार्टी का उपाध्यक्ष बना दिया.कयास लगाया जा रहा था कि इस लोकसभा चुनाव में बीजेपी दोनों को दिकट देगी. लेकिन जेडीयू इनको लेकर समझौता करने को तैयार नहीं था. जदयू के आगे बीजेपी को पीछे हटना पड़ा. वहीं, पुतुल सिंह और रेणु कुशवाहा को भी इसी फार्मूला के वजह से बीजेपी से टिकट नहीं मिल सका.
राजद प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने कहा कि नीतीश का यही अंदाज रहा है. जदयू से गए बीजेपी में कई दिग्गजों को नीतीश कुमार कीवजह से टिकट नहीं मिला. लालू यादव ने मेरा नाम मंत्री सूची में भेजा था. लेकिन नीतीश कुमार ने ही मेरे नाम को हटा दिया था. नीतीश कुमार एक शातिर नेता हैं. नीतीश कुमार ने सम्राट चौधरी ,नीतीश मिश्रा ,पुतुल सिंह जैसे नेताओं से एक तरीके से बदला लेने का काम किया है.
एनडीए के टिकट मुद्दों पर बयानबाजी बीजेपी का यह अंदरूनी मामला है
वहीं, भाजपा उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी ने कहा कि एनडीए में प्रधानमंत्री पद के लिए बीजेपी के ही प्रत्याशी हैं. एनडीए में शामिल सभी दल इसका समर्थन दे रहे हैं. टिकट मिलना और कटना बीजेपी का अंदरूनी मामला है. बीजेपी के लिए यह मुद्दा नहीं है. पार्टी के लिए यह छोटी बात है.