पटना:केंद्र में मंत्रिमंडल विस्तार (Modi Cabinet Expansion) को लेकर पूरे देश की राजनीति गरमाई हुई है. बात इस चीज को लेकर भी चल रही है कि इस बार के विस्तार में विकास के लिए कौन सी जाति जोड़ी जाती है. एक बात तो तय है कि उन तमाम नेताओं की धड़कनें बढ़ी हुई हैं जिनका नाम मीडिया में चल रहा है.
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दिल्ली में हैं आरसीपी सिंह
बिहार से जो नाम अभी तक सबसे ज्यादा चर्चा में हैं उनमें से सिर्फ आरसीपी सिंह दिल्ली में हैं. बाकी सभी लोग अभी बाहर हैं. दिल्ली में होने वाली बैठक और उसके बाद मंत्रिमंडल विस्तार (Cabinet Expansion) में शामिल होने वालों का नाम देश की राजनीति में चर्चा का विषय है. बात जदयू की करें या भाजपा की, लोजपा की करें या फिर दूसरे प्रांतों के राजनीतिक दलों की. हर राजनीतिक दल इसी विषय की चर्चा कर रहा है कि इस बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में कौन-कौन होगा.
इनके नाम आए सामने
बिहार में जिन लोगों के नाम अभी तक सामने आए हैं, उसमें जेडीयू से आरसीपी सिंह, ललन सिंह और रामनाथ ठाकुर हैं. लोजपा से रामविलास पासवान सरकार में मंत्री थे. लेकिन उनकी मृत्यु के बाद यह माना जा रहा है कि उस जाति के वोट बैंक के लिए मोदी सरकार में लोजपा से किसी को लिया जा सकता है. चिराग पासवान अभी उस स्थिति में नहीं हैं, ऐसे में पशुपति कुमार पारस का भी नाम चर्चा में है. लेकिन अंतिम समय तक क्या होगा कहा नहीं जा सकता. बीजेपी से सुशील कुमार मोदी का नाम मीडिया में चर्चा में है. लेकिन इनमें से किसी के पास किसी तरह की कोई जानकारी नहीं आई है और ना ही सीधे तौर पर किसी ने इनकी मंत्रिमंडल में शामिल होने की पुष्टि ही की है.
जदयू को केंद्रीय मंत्रिमंडल में मिलेगा स्थान
इस बार के मोदी मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर यह माना जा रहा है कि जदयू को केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्थान मिलेगा. लेकिन बड़ा सवाल यह भी है कि अभी तक नीतीश कुमार भी इस बात को नहीं बोले हैं कि उन्हें कितने सीटों का ऑफर मिला है और कितने मंत्री जदयू से बनाए जाएंगे. बिहार की राजनीति में कयासों का बाजार गर्म है. हर नाम पर चर्चा होती है, जाति का नेता बना दिया जाता है.
नेताओं को भी नहीं जानकारी
कौन मंत्री बनेंगे इसकी भी चर्चा चाय की दुकानों पर हो जा रही है. कई घरों में भी इसकी चर्चा हो रही है. राजनीतिक दलों की भी नजर टीवी पर टिकी हुई है. फोन की घंटी बजने का इंतजार है. बार-बार मोबाइल को देखा जा रहा है कि कब किसके नाम की लॉटरी निकल आए. जिन नामों की चर्चा हो रही है, ईटीवी भारत ने उन सभी लोगों से राय लेने के लिए जब इस बाबत पड़ताल की तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि कोई जानकारी नहीं है और न किसी ने फोन किया है. हालांकि लगे हाथ नेता यह भी कह दे रहे हैं कि पार्टी के सिपाही हैं जो जिम्मेदारी मिलेगी उसका निर्वहन तो करेंगे. लेकिन अंदरखाने क्या हो रहा है इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है.
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