पटनाः गुरुनानक जी महाराज का 550 वां प्रकाशपर्व रविवार को राजगीर में मनाया जाएगा. इससे पहले यहां नगर कीर्तन का आयोजन किया गया. इसमें देश-विदेश से आए सिख श्रद्धालुओं ने भाग लिया. इस दौरान जो बोले सो निहाल, सतश्री अकाल और वाहे गुरु की खालसा, वाहे गुरु की फतेह के उद्घोष से पूरा वातावरण गुरुमय हो गया.
550 वें प्रकाशपर्व से पहले नगर कीर्तन का आयोजन, वाहे गुरु के उद्घोष से गुरुमय हुआ वातावरण - राजगीर
गुरुनानक जी महाराज का 550 वां प्रकाशपर्व से पहले शनिवार को नगर कीर्तन का आयोजन किया गया. रविवार को प्रकाशपर्व के मौके पर यहां सामूहिक अरदास, दिवान सजाना, रागी जत्था द्वारा भजन कीर्तन और सामूहिक लंगर की शुरुआत की जाएगी.
कार्यक्रमों का आयोजन
गुरुनानक सिंह जी महाराज की पालकी को फूलों से सजाकर और गुरुग्रन्थ की सेवा करते श्रद्धालु यहां आकर अपने आप को धन्य मान रहे हैं. रविवार से यहां सामूहिक अरदास, दिवान सजाना, रागी जत्था द्वारा भजन कीर्तन और सामूहिक लंगर की शुरुआत की जाएगी.
शीतल कुंड की कथा
कथाओं के अनुसार सिक्ख धर्म के प्रथम गुरु श्री नानकदेव जी महाराज का राजगीर में आगमन होने से ही यहां के सात कुंडों में से एक कुंड शीतल हो गया था. यहां के सभी कुंडों का पानी गर्म रहता था. एक बार अपने अनुयाइयों ने कहने पर नानकदेव ने अपना चरण उस कुंड के पास रखा जिससे वह कुंड ठंडा हो गया.