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पटना के दोनों म्यूजियम को सुरंग के माध्यम से जोड़ने की हो रही तैयारी

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के दोनों संग्रहालयों को सुरंग के माध्यम से जोड़ने के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि हम लोग एक कोशिश कर रहे हैं कि लोग दोनों संग्रहालय को एक ही टिकट पर आसानी से देख सकें. इस सुरंग को बनाने के लिए अनुमानित लागत लगभह 100 करोड़ रूपये का है.

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Published : Jul 5, 2019, 11:53 AM IST

बिहार और पटना म्यूजियम जुड़ेंगे सुरंग से 1400 मीटर होगा सुरंग

पटना: बिहार सरकार राजधानी के दोनों म्यूजियम को सुरंग के माध्यम से जोड़ने की तैयारी कर रही है. मुख्यमंत्री ने विधानसभा के अपने चेंबर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए इसकी जानकारी दी. लोग सुरंग के माध्यम से आसानी से एक संग्रहालय से दूसरे संग्रहालय में जा सकेंगे. वहीं, इस सुरंग को बनाने के लिए अनुमानित लागत लगभह 100 करोड़ रूपये का है.

पटना म्यूजियम जुड़ेंगे सुरंग से

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधानसभा के अपने चैम्बर में गुरुवार को बिना कैमरे के पत्रकारों से बातचीत में कहा पटना संग्रहालय को विकसित करने पर तेजी से काम हो रहा है. हम लोग एक कोशिश कर रहे हैं कि लोग दोनों संग्रहालय को एक ही टिकट पर आसानी से देख सकें. इसीलिए दोनों संग्रहालय को सुरंग के माध्यम से जोड़ने की तैयारी हो रही है. साथ ही इससे पर्यटकों की संख्या में भी वृद्धि होगी.

कई सुविधाओं से लैस होगा सुरंग

तैयारी को लेकर सीएम ने कहा कि सुरंग वातानुकूलित और कई सुविधाओं से लैस बनाया जायेगा. बिहार राज्य पुल निर्माण निगम ने सुरंग बनाने का ब्लू प्रिंट तैयार किया है. सुरंग दो मीटर ऊंचा और 3 मीटर चौड़ा होगा. दोनों म्यूजियम को जोड़ने वाला सुरंग बेली रोड में एलएन मिश्रा संस्थान के पाससे शुरू होगा, उसके बाद बाबा साहब पार्क, कार्मेल स्कूल , पटना विमेंस कॉलेज, आयकर चौराहा के नीचे से होते हुए विद्यापति मार्ग और फिर पटना म्यूजियम परिसर में निकलेगा.

क्या है संग्रहालय में

गौरतलब है कि पटना संग्रहालय देश के सबसे पुराने संग्रहालयों में से एक है. ब्रिटिश काल में स्थापित देश का तीसरा सबसे पुराना संग्रहालय है. पटना संग्रहालय में भगवान गौतम बुद्ध के अवशेष रखे हुए हैं. 200 मिलियन साल पुराना पेड़ भी है और संग्रहालय में कई बेशकीमती वस्तुएं भी हैं. वही, बिहार संग्रहालय 2015 में लोगों के लिए खोला गया था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह ड्रीम प्रोजेक्ट है और यह अंतरराष्ट्रीय मापदंडों के हिसाब से बनाया गया है. इसको तैयार करने में लगभग 600 करोड़ की राशि खर्च की जा चुकी है. इसमें बच्चों के लिए भी विशेष व्यवस्था है. इस संग्रहालय में ऑडियो, वीडियो के माध्यम से भी लोगों को जानकारी दी जाती है.

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