बिहार

bihar

ETV Bharat / state

पटना में नहीं होगा जलजमाव, निगम का दावा- '3 घंटे में निकाल देंगे पानी'

पटना में थोड़ी ही बारिश से सड़कों पर जलजमाव (Water Logging on Roads) हो जाता है. लबालब सड़कों से लोगों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ता है. हालांकि, नगर आयुक्त की मानें तो राजधानी पटना में अब जलजमाव नहीं होगा. क्या है वजह, देखें ये रिपोर्ट.

By

Published : Jun 21, 2021, 4:59 PM IST

पटना
पटना

पटना: बिहार में मानसून (Monsoon) ने दस्तक दे दी है. रुक-रुक कर हो रही बारिश की वजह से राजधानी पटना (Patna) में जलजमाव (Water Logging in Patna) की स्थिति बन जा रही है. हालांकि, ये जलजमाव अधिक देर तक नहीं रह पाता है. नगर निगम ने 3 घंटे के अंदर पानी निकालने का लक्ष्य रखा है. उस पर निगम प्रशासन का ज्यादा फोकस है. नगर आयुक्त की मानें तो राजधानी पटना में अब जलजमाव नहीं होगा.

ये भी पढ़ें-पटना: मसौढ़ी में बारिश से जलजमाव, घर से निकलना मुश्किल

नगर निगम ने पूरी की तैयारी
2019 में 3 दिन की बारिश ने निगम प्रशासन की सारी तैयारी की पोल खोल कर रख दी थी. हर तरफ निगम प्रशासन के साथ सरकार की किरकिरी हो रही थी. सरकार की अब ज्यादा किरकिरी ना हो, उसके लिए पटना शहर के नालों पर भी सरकार का फोकस हमेशा रहता है. शहर में अब जलजमाव की स्थिति न बने इसके लिए निगम प्रशासन फरवरी माह से ही नाला उड़ाही का कार्य शुरू कर देता है, ताकि मानसून आने से पहले सभी नालों की सफाई पूरी तरह से कर ली जाए.

नालों की जेसीबी से सफाई

''मानसून पूरी तरह से सक्रिय है, लगातार बारिश हो रही है, ऐसे में निगम प्रशासन का दावा है कि शहर में अब जलजमाव की स्थिति नहीं बनेगी. शहर के सभी 9 बड़े नालों के साथ 14 मीडियम नाले और 172 छोटे नालों की सफाई मानव बल जेसीबी से कराई गई है. इसके साथ ही इस बार जितने भी अंडर पास नाले हैं, उनकी सफाई रोबोट के माध्यम से कराई गई है.''-हिमांशु शर्मा नगर, आयुक्त पटना

पटना में नालों की सफाई

निगम की 'जल परीक्षा'

  • जेसीबी से कराई नालों की सफाई
  • 9 बड़े, 14 मीडियम, 172 छोटे नालों की सफाई
  • अंडर पास नालों की रोबोट से कराई सफाई
    पटना में खुले पड़े मैनहोल

तारकिशोर प्रसाद ने की समीक्षा
वहीं, निगम प्रशासन के कार्यों को लेकर नगर विकास विभाग के मंत्री सह उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने मानसून से पहले शहर के सभी नाला उड़ाही को लेकर समीक्षा बैठक की थी. साथ ही मानसून सक्रिय होने से पहले मंत्री नाला उड़ाही के कार्यों को देखने के लिए खुद भ्रमण किया था. यहां तक नगर निगम क्षेत्र में जितने भी संप हाउस हैं, उनका भी निरीक्षण किया और जो भी कमियां थी, उसे दुरुस्त करने के लिए अधिकारियों को निर्देश भी दिया है.

ईटीवी भारत GFX

''अब शहर में जल जमाव की स्थिति नहीं बनेगी क्योंकि विभाग ने पूरी तत्परता के साथ मानसून से पहले ही सभी कार्य पूरे कर लिए हैं.''-तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री बिहार

बता दें कि पटना में नलों की संख्या कुल 535 हैं. जिनमें 9 बड़े नाले, 14 मीडियम नाले हैं और 172 छोटे वाले हैं. साथ ही इन नालों का पानी शहर से बाहर निकाला जाए. इसके लिए सरकार की तरफ से 42 संप हाउस लगाए गए हैं. ताकि अधिक बारिश होने और नालों का पानी संप हाउस के माध्यम से निकाला जा सकें. पटना शहर में कुल 46837 मेनहोल है और 36241 कैचपिट है.

तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री बिहार

ये भी पढ़ें-Mokama Road Accident: पुल से 20 फीट नीचे गिरी लग्जरी कार, बाल-बाल बचे सवार

पटना नगर निगम क्षेत्र में अवस्थित सभी सर्विस नालों की कुल लंबाई 17,03,568 लाख फिट है. हालांकि हजारों, मैनहोल आज भी खुले पड़े हैं जो दुर्घटना को निमंत्रण दे रहे हैं. बता दें कि निगम प्रशासन ने इस बार नाले की सफाई पर कुल 8 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं. निगम प्रशासन की मानें तो सरकार से मात्र अभी तक तीन करोड़ रुपए मिल पाए हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details