मुजफ्फरपुर: जिले के आठ प्रखंड की लगभग दो लाख की आबादी बाढ़ को लेकर प्रभावित है. पानापुर प्रखंड के पुरैना में बाढ़ को लेकर एक गांव के दबंगों ने ईंट भट्ठा से पानी निकालने के लिए इलाके की मुख्य सड़क को ही जेसीबी से कटवा दिया. जिस वजह से इलाके में बाढ़ का पानी फैल गया और कई एकड़ फसल डूब गई.
ईंट-भट्ठा से पानी निकालने के लिए तोड़ी सड़क
दरअसल, मामला पानापुर के पुरैना का है. यहां दबंगो ने ईंट भट्ठा से पानी निकालने के लिए गांव को प्रखंड से जोडने वाली मुख्य सड़क को ही काट दिया. इस वजह से किसानों का सैकड़ो एकड़ में लगा धान का फसल पानी में डूब गया. गांव के किसान दबंगो के भय से अपना मुंह भी नही खोल रहे है. वहीं, जिला प्रशासन भी मामले की जानकारी होने के बावजूद कार्रवाई करने से कतरा रही है.
मुजफ्फरपुर के इस इलाके में सबसे ज्यादा बाढ़ का प्रभाव
जिले के कांटी प्रखंड के मिठनसराय और कोल्हुआ पैगम्बरपुर के लोग गांव में पानी घुसने के बाद मुजफ्फरपुर-दरभंगा नेशनल हाइवे पर तम्बू लगाकर गुजर बसर कर रहे हैं. बागमती, गंडक, बूढ़ी गंडक सहित अधिकांश छोटी पहाड़ी नदियां भी कई जगह खतरे के निशान से उपर बह रही है. वहीं पानी घरों में घुसने से हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं.
बिहार में तेजी से बढ़ रहा बाढ़ का प्रकोप
गौरतलब है कि बिहार में बाढ़ का कहर बरपना शुरू हो गया है. कोरोना वायरस संक्रमण के दौर में लोगों की जिंदगी पूरी तरह बेपटरी हो गई है. जहां एक ओर संक्रमण से प्रदेश के हालात पहले से लचर हो चले थे. वहीं, अब बाढ़ प्रभावित इलाकों से आई तस्वीरें दर्द बयां कर रही हैं. पश्चिमी चंपारण, मधेपुरा, गोपालगंज, सीतामढ़ी, दरभंगा, खगड़िया, सुपौल और मुजफ्फरपुर जिलों में नदियां रौद्र रूप धारण कर चुकी हैं. सभी जिलों में प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है. लोग ऊंचे स्थानों की ओर विस्थापित हो चुके हैं. चारों ओर जल से घिरे लोग खाने-पीने की व्यवस्था को लेकर लगातार मांग कर रहे हैं. कुछ एक जगह प्रशासनिक पहल शुरू हुई है.