पटना:बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) का मानसून सत्र (Monsoon Session) चल रहा है. बुधवार को सत्र के तीसरे दिन बिहार खेल विश्वविद्यालय और बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय समेत 5 विधेयकों को मंजूरी मिल गई. खेल मंत्री आलोक रंजन झा (Sports Minister Alok Ranjan Jha) ने कहा कि खेल विश्वविद्यालय बनने से बिहार में ना सिर्फ खेल, बल्कि खिलाड़ियों के दिन बेहतर होंगे. खिलाड़ियों का भविष्य बढ़िया होगा और खेल में करियर बनाने के लिए खिलाड़ी प्रोत्साहित होंगे.
यह भी पढ़ें -विधानसभा से पास हुआ खेल विधेयक, श्रेयसी सिंह ने कहा- खिलाड़ियों को मिलेगा लाभ
"बिहार में खिलाड़ियों को खेल कोटे से नौकरी मिले. इसके लिए सरकार पुख्ता व्यवस्था कर रही है. खेल विश्वविद्यालय से राज्य के सभी सरकारी और गैर सरकारी खेल और शारीरिक शिक्षण संस्थान संबंध होंगे. बिहार देश का सिर्फ छठा ऐसा राज्य है. जहां खेल विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है. इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति मुख्यमंत्री होंगे. विश्वविद्यालय का कुलपति कोई खेल विशेषज्ञ ही होगा." - आलोक रंजन झा, खेल मंत्री
बिहार में स्टेडियम की बदहाली को लेकर पूछे गए सवाल पर खेल मंत्री आलोक रंजन झा ने कहा कि खेल विश्वविद्यालय बनने से बिहार के तमाम स्टेडियम को भी इससे संबद्ध किया जाएगा और उनके जरिए बेहतर खेल आयोजन किए जाएंगे. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि लोगों की मानसिकता बदलने में खेल विश्वविद्यालय बड़ा सहायक सिद्ध होगा. लोग खेल में भी अपना भविष्य सवार सकेंगे और उन्हें बेहतर करियर ऑप्शन मिलेगा. बिहार को बेहतर खिलाड़ी देने में भी खेल विश्वविद्यालय अहम भूमिका निभाएगा.
बता दें कि नीतीश सरकार नालंदा जिला के राजगीर में खेल विश्वविद्यालय बनाने जा रही है. इस विश्वविद्यालय में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्री से जुड़े कोर्स की पढ़ाई होगी. सभी प्रमुख खेलों से जुड़ा कोर्स शुरू करने की तैयारी है. कोर्स का चयन छात्रों की मांग के अनुसार होगा, जिन खेलों और कोर्स में छात्र अधिक रुचि लेंगे, उसकी पढ़ाई कराई जाएगी.
बात दें कि मानसून सत्र के तीसरे दिन बिहार इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय बिल 2021 पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने वोटिंग की मांग की. इस पर विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा राजी हो गए है. वहीं, वोटिंग की मांग मंजूर होने के साथ ही सत्ता पक्ष के विधायकों की मौजूदगी कम होने पर चिंता भी देखी गई. सीएम और डिप्टी सीएम भी विधानसभा में नहीं थे. विधेयक में बिहार अभियंत्रण विश्वविद्यालय का कुलाधिपति मुख्यमंत्री की जगह राज्यपाल को बनाए जाने का संशोधन प्रस्ताव विपक्ष ने पेश किया. इस दौरान संशोधन प्रस्ताव के पक्ष में 89 और विपक्ष में 121 वोट पड़े.
यह भी पढ़ें -बिहार में जल्द शुरू होगा खेल और कला विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य, मंत्री बोले- खत्म होने वाला है इंतजार