पटना: बिहार में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता ही जा रहा है. प्रवासी मजदूरों ने सरकार की परेशानी बढ़ा दी है. ऐसे में सरकार के सामने चुनौती स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने की है. स्वास्थ्य विभाग में आज के समय भी हजारों पद खाली हैं. हालांकि सरकार खाली पदों को भरने को लेकर गंभीर है, लेकिन विपक्ष की ओर से लगातार सवाल खड़े किए जा रहे हैं.
प्रवासी मजदूरों ने बिहार सरकार के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है. अब तक दो हजार के आसपास प्रवासी मजदूर कोरोना संक्रमित पाए गए हैं और संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. अब तक सात लाख से ज्यादा मजदूर बिहार आए हैं, लेकिन यह आंकड़ा बढ़ने वाला है और 30 लाख मजदूरों को बिहार लाने की तैयारी है. ऐसे में सरकार के सामने बड़ी चुनौती है. स्वास्थ्य विभाग में बगैर खाली पदों को भरे चुनौती से निपटना मुश्किल होगा.
'योग्य अभ्यर्थी नहीं मिलने से चिकित्सकों का पद खाली'
राज्य में विशेषज्ञ चिकित्सकों के 60 फीसदी पद खाली हैं. योग्य अभ्यर्थी नहीं मिलने की वजह से ऐसी स्थिति बनी है. विशेषज्ञ चिकित्सकों के लिए आवेदन भी अपेक्षाकृत बहुत कम आते हैं. महिलाओं को 20% आरक्षण है, लेकिन साढे 23.68% पद ही आरक्षण से भरे जा सके. 76% पद खाली पड़े हैं. हाल के दिनों में 1592 पदों के लिए वैकेंसी निकाले गए थे, जिसमें 632 अभ्यर्थी चयनित हुए.
- स्वास्थ्य विभाग की रिक्त पदों और चयनित अभ्यर्थियों की संख्या
चिकित्सकों का पद | रिक्त पदों की संख्या | चयनित पदों की संख्या |
पेडरियोटिक्स | 393 | 197 |
फिजिसियन | 246 | 139 |
अनेस्थेटिक्स | 618 | 146 |
रेडियोलोजी | 126 | 33 |
ईएनटी | 95 | 45 |
चर्म रोग | 61 | 22 |
नेत्र रोग | 25 | 25 |