पटना:बिहारपंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) के मतदान शुरू होने में अब ज्यादा वक्त नहीं है. ऐसे में पदों के लिए हो रहे नामांकन में लोगों के शपथ पत्र दिए जा रहे हैं. इस बीच एक शपथ पत्र लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. 2020 में बिहार विधानसभा के चुनाव में चनपटिया विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मनीष कश्यप (Manish Kashyap) ने चुनाव लड़ा था और पूरे शपथ पत्र का एफिडेविट करवा करके उसे जमा दिया था.
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2020 में बिहार विधानसभा के चुनाव को दौरान मनीष के घोषणा पत्र में यह भी लिखा हुआ था कि मैं जिन वादों पर चुनाव लड़ रहा हूं अगर उसे पूरा नहीं कर पाया तो अगली बार मैं चुनाव ही नहीं लड़ूंगा. मनीष ने अपने घोषणा पत्र में यह भी कहा था कि अगर मैं विधायक बनता हूं और काम नहीं करता हूं तो हमारे क्षेत्र की जनता हमें मुकदमा करवा कर जेल भेज सकती है.
बिहार में चल रहे पंचायत चुनाव को लेकर इस बात की चर्चा जोरों पर है कि जिस तरीके का घोषणा पत्र मनीष कश्यप ने दिया था उस तरह का घोषणा पत्र और किसी द्वारा जमा किया जाता है या नहीं. दरअसल पंचायत चुनाव बिहार के विकास में अहम भूमिका निभाता है. ऐसे में जो भी प्रत्याशी चुनावी मैदान में जा रहे हैं उनका विजन होना जरूरी है और इस बात को लेकर बिहार में चर्चा भी जोरों पर है.