सरकार! वादा तो था 10 लाख सरकारी नौकरी देने का, अब तक बांटे 15000 नियुक्ति पत्र - नीतीश कुमार ने नियुक्ति पत्र बांटा
नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बनी महागठबंधन की सरकार ने 10 लाख नौकरी और 10 लाख रोजगार देने का वादा (mahagathbandhan government job promise) किया है. ढाई महीने से अधिक समय बीत चुका है और पहले से चयनित कुछ विभागों में नियुक्तियां ही अभी तक बांटी गई है. महागठबंधन सरकार बनने के बाद कैबिनेट से लगभग 15000 नई नियुक्तियों की बहाली का ही फैसला लिया गया है.
महागठबंधन सरकार का वादा
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Published : Nov 4, 2022, 9:34 PM IST
पटना:नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बनी महागठबंधन की सरकार ने 10 लाख नौकरी और 10 लाख रोजगार देने का वादा किया है. ढाई महीने से अधिक समय बीत चुका है और पहले से चयनित कुछ विभागों में नियुक्तियां ही अभी तक बांटी गई है. इसमें स्वास्थ्य विभाग में संविदा पर 9469 स्वास्थ्य कर्मियों की (Nitish Kumar distributed appointment letter) बहाली है. इसके अलावा राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, पशुपालन विभाग, वन विभाग और नगर विकास विभाग है. इन विभागों में भी नियुक्ति पत्र बांटे गये हैं. अब 16 नवंबर को 10 हजार पुलिस कर्मियों को नियुक्ति पत्र मुख्यमंत्री देने वाले हैं. यह बड़ा कार्यक्रम गांधी मैदान में होगा.
महागठबंधन सरकार वादा पूरा करने से अभी कोसों दूर हैं.
बहाली की प्रक्रिया होगी शुरूःमहागठबंधन सरकार वादा से अभी कोसों दूर हैं. महागठबंधन सरकार बनने के बाद कैबिनेट से लगभग 15000 नई नियुक्तियों की बहाली का ही फैसला लिया गया है. कुल मिलाकर देखे हैं तो 3 महीने में महागठबंधन की सरकार 25000 के आसपास नियुक्ति दे पाएगी. जो नियुक्ति पत्र मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव और अन्य मंत्रियों द्वारा वितरित किया जा रहा है इसकी प्रक्रिया पहले ही पूरी हो चुकी थी. अभी एक भी नया पद पर बहाली नहीं हुई है. कैबिनेट से जितने पद स्वीकृत हुए हैं वह लगभग 15000 के आसपास ही हैं, जिस पर आने वाले समय में बहाली की प्रक्रिया शुरू होगी.
शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रियाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव अधिक से अधिक बहाली (mahagathbandhan government job promise) की बात करते रहे हैं. तेजस्वी यादव तो स्वास्थ्य विभाग में डेढ़ लाख, शिक्षा विभाग में भी डेढ़ लाख की बहाली की लगातार बात कर रहे हैं. लेकिन शिक्षा विभाग में अभी तक किसी तरह की कोई बहाली की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है. खुद शिक्षा विभाग के मंत्री चंद्रशेखर ने पिछले दिनों बयान दिया था कि अगले साल से ही बहाली शुरू हो पाएगी. यहां तक कि एनडीए सरकार के समय छठे चरण में 33714 पदों पर बहाली होनी थी. उसमें से केवल 1850 शिक्षकों का ही नियोजन हुआ. छठे चरण में भी सभी रिक्तियां बची रह गई. सातवें चरण में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होनी है और सरकार के लिए इसे पूरा करना एक बड़ी चुनौती होगी.
वाहवाही ले रहा महागठबंधनः पूर्व मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने बयान दिया था नियुक्ति प्रक्रिया जिन संस्थानों द्वार की जाती है वैसे संस्थान में भी पद रिक्त पड़े हैं. ऐसे में 10 लाख नियुक्ति देने का जो वादा है वह 25 सालों में भी पूरा नहीं हो सकता है. बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल का कहना है कि अभी तक जितनी नियुक्ति पत्र बांटी गयी है ऊंट के मुंह में जीरा है. सभी की प्रक्रिया पहले से चल रही थी, लेकिन वाहवाही ले रही ही महागठबंधन सरकार. किसी तरह सत्ता बना रहे इस पर ध्यान रहता है. अब तो तेजस्वी यादव, नीतीश कुमार को हटाकर मुख्यमंत्री की कुर्सी हथियाना चाहते हैं.
महागठबंधन के नेता कर रहे बचावः. जदयू के प्रवक्ता सुनील कुमार सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का नौकरी देने का मॉडल पूरे देश में नजीर बनेगा. आज आए दिन विभिन्न विभागों द्वारा नौकरी दी जा रही है और वादा को हर हाल में पूरा किया जाएगा. वहीं आरजेडी के प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव का कहना है 2 साल तो बीजेपी ने बरबाद कर दिया. यदि 2020 में हम लोग आ गए होते तो पहली कैबिनेट में ही हो जाता. ऐसे सरकार में आते ही गांधी मैदान में मुख्यमंत्री ने 10 लाख नौकरी और 10 लाख रोजगार की घोषणा कर दी. आज कोई ऐसा सेक्टर है क्या जहां नियुक्ति पत्र नहीं बंट रहा है. स्वास्थ्य विभाग में ही डेढ़ लाख नियुक्ति देने की तैयारी हो रही है, थोड़ा इंतजार कीजिए.
"अभी तक जितनी नियुक्ति पत्र बांटी गयी है ऊंट के मुंह में जीरा है. सभी की प्रक्रिया पहले से चल रही थी, लेकिन वाहवाही ले रही ही महागठबंधन सरकार"-प्रेम रंजन पटेल, प्रवक्ता बीजेपी
"मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का नौकरी देने का मॉडल पूरे देश में नजीर बनेगा. आज आए दिन विभिन्न विभागों द्वारा नौकरी दी जा रही है और वादा को हर हाल में पूरा किया जाएगा"- सुनील कुमार सिंह, प्रवक्ता जदयू
इन विभागों में हो सकती बहालीः महागठबंधन की सरकार बनने के बाद अभी तक जो नियुक्ति पत्र वितरित की गई है वह 15 हजार के करीब है. आने वाले समय में जो बहाली प्रक्रिया चल रही है उसके हिसाब से जो नियुक्तियां होंगी उसमें गृह विभाग में 10,000 अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में 1400 से. कैबिनेट से अब तक 15000 से भी कम पद सृजित करने की स्वीकृति मिली है एक कैबिनेट में 1176 दूसरे कैबिनेट में 7987 तीसरे कैबिनेट में 1200 पदों का सृजन मुख्य रूप से है. ऐसे सरकार की ओर से दावा जरूर हो रहा है शिक्षा विभाग में डेढ़ लाख स्वास्थ्य, विभाग में डेढ़ लाख, ग्रामीण विकास विभाग में 10000, ग्रामीण कार्य विभाग, पथ निर्माण विभाग, पंचायती राज विभाग, गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, नगर विकास विभाग में बड़ी संख्या में नियुक्तियां होगी. सरकार बनते ही सभी विभागों को निर्देश दिया गया था खाली पड़े पदों की सूची तैयार करने के लिए. अधिकांश विभागों ने उस पर काम करना शुरू भी कर दिया है. उसे अंतिम रूप दिया जा रहा है.
बजट की भी होगी चुनौतीः बिहार बेरोजगारी दर के मामले में पिछले कुछ महीनों की बात करें तो जून में 14% जुलाई में 19 % अगस्त में 13% सितंबर में 11.4 प्रतिशत बना हुआ है. कोरोना के नियंत्रण में आने के बाद उद्योग और व्यापार क्षेत्र में गतिविधियां बढ़ी हैं और उसके कारण बेरोजगारी दर पर असर भी पड़ा है. लेकिन सच्चाई यह भी है कि लाखों लोग बिहार में सरकारी नौकरी और रोजगार का इंतजार कर रहे हैं. अभी जो नियुक्तियां दी गई है उसमें से अधिकांश संविदा पर नियुक्ति हुई है. तेजस्वी यादव ने सरकारी नौकरी के साथ पुराना वेतनमान देने का भी वादा किया था, लेकिन नौकरी देने का जो रफ्तार है. उसके हिसाब से वादा को पूरा करने में वर्षों लग सकते हैं. इसके साथ बड़ी चुनौती बजट की भी होगी और इसलिए बिहार सरकार लगातार केंद्र से अधिक से अधिक मदद की मांग भी कर रही है और केंद्र पर कई तरह का आरोप भी लगा रही है.