पटना:बिहार विधान परिषद चुनाव (Bihar Legislative Council Election) के लिए आरजेडी ने 24 सीटों में से 23 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. एक सीट महागठबंधन में सीपीआई के खाते में गई थी. वहीं, बिहार में स्थानीय निकाय कोटे से हुए चुनाव में कांग्रेस महागठबंधन में चुनाव लड़ना चाहती थी. यही वजह है कि वह पटना से दिल्ली तक तेजस्वी और लालू को मनाने की कोशिश करती रही. लेकिन लालू ने उन्हें समय नहीं दिया. 23 सीटों पर चुनाव लड़ने के बाद राजद को सिर्फ 6 सीटों पर जीत मिली. बिहार एमएलसी चुनाव (Bihar MLC Election) के नतीजे आने के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने (Madan Mohan Jha Statement On Lalu Yadav) प्रतिक्रिया दी.
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गठबंधन नहीं होने से एनडीए को लाभ: बिहार विधान परिषद चुनाव में कांग्रेस ने बेगूसराय सीट पर जीत हासिल की है. वही एक सीट पूर्वी चंपारण में कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार ने जीत हासिल की है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा कि बिहार एमएलसी चुनाव में गठबंधन नहीं होने से एनडीए को इसका लाभ मिला है. लालू यादव की बात पर रह गए. इसी कारण से कांग्रेस को एक सीट पर संतोष करना पड़ा. उन्होंने कहा कि एनडीए को बिहार में हराना है तो विपक्षी पार्टियों को एकजुट होना बहुत जरूरी है.
'हमारा प्रदर्शन और अच्छा हो सकता था. लालू प्रसाद यादव से जिस प्रकार से हमारी बातचीत हो रही थी. अगर उस प्रकार से चुनाव लड़ा जाता तो राजद और कांग्रेस मिलकर 13 से 14 सीटों पर जीत हासिल कर सकते थे, लेकिन हमें अकेले लड़ना पड़ा. ऐसे में हमारा प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा. हमने 5 से 6 सीटों पर तैयारी की थी. लेकिन गठबंधन नहीं होने से हमें घाटा हुआ और एनडीए को इसका लाभ मिला है. बिहार में विपक्षी एकजूटता बहुत जरूरी है. अगर एनडीए को बिहार में हराना है तो इन बातों पर ध्यान देना जरूरी है. वैसे कांग्रेस अब अकेले दम पर बिहार में मैदान में आ चुकी है. हमलोग लगातार लोगों के बीच जा रहे है.'-मदन मोहन झा, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस