पटना:कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लॉकडाउन ने सभी गतिविधियों पर ब्रेक लगा रखा है. सिर्फ जरूरी सेवाओं को छोड़ दें तो बच्चों की पढ़ाई से लेकर बड़ों का काम, व्यापार और खेलकूद समेत तमाम गतिविधियां रुक सी गई हैं. बच्चों की घर बैठे ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चे और उनके अभिभावक दोनों की असंतुष्ट हैं. वहीं, व्यापार और अन्य गतिविधियों के बंद होने से आम लोगों में निराशा है. लोगों की मांग है कि सरकार लॉकडाउन 4.0 में थोड़ी छूट दे.
लॉकडाउन में बच्चों की पढ़ाई और खेल की गतिविधि भी रुकी, ऑनलाइन क्लास से अभिभावक भी असंतुष्ट
लॉकडाउन के दौरान बिहार के तमाम स्कूल बंद हैं. ज्यादातर विद्यालय बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन क्लासेज के जरिए करवा रहे हैं. घर बैठे बच्चे मोबाइल और लैपटॉप के जरिए अपने अध्यापकों की क्लास अटेंड कर रहे हैं. हालांकि, ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चे और उनके अभिभावक दोनों ही असंतुष्ट हैं.
'मोबाइल और लैपटॉप के जरिए संभव नहीं है पढ़ाई'
लॉकडाउन के दौरान बिहार के तमाम स्कूल बंद हैं. ज्यादातर विद्यालय बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन क्लासेज के जरिए करवा रहे हैं. घर बैठे बच्चे मोबाइल और लैपटॉप के जरिए अपने अध्यापकों की क्लास अटेंड कर रहे हैं. हालांकि, ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चे और उनके अभिभावक दोनों ही असंतुष्ट हैं. अभिभावकों का कहना है कि क्लास जैसी पढ़ाई मोबाइल और लैपटॉप के जरिए संभव नहीं है.
'लॉकडाउन में मिले सहूलियत'
प्रधानमंत्री 12 मई को लॉकडाउन 4.0 लागू करने की घोषणा कर चुके हैं. हालांकि, उन्होंने इसमें कई छूट के प्रावधानों की भी बात कही थी. एक निजी कंपनी में काम करने वाले कर्मी ने कहा कि लॉकडाउन बढ़ना तो तय है, लेकिन इसमें इतनी छूट मिलनी चाहिए कि आर्थिक गतिविधियां शुरू हो सकें. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से संक्रमण के खतरे से लोग बच रहे हैं, लेकिन जीवनयापन के लिये लॉकडाउन 4.0 में छूट जरूर मिलनी चाहिए, ताकि लोगों को थोड़ी सहूलियत मिल सके.