पटनाः कोरोना संक्रमण के कारण मार्च महीने से लगे लॉक डाउन के दौरान सबसे ज्यादा परेशानी मध्यम वर्ग के साथ हर दिन कमाने खाने वाले लोगों को हो रही है. काम नहीं होने की वजह से इन्हें दो वक्त को रोटी भी नसीब से ही मिलती है.
सरकारी योजना का नहीं मिला लोगों को लाभ
सरकार भले ही दावा कर रही हो की लॉक डाउन के दौरान सरकारी योजना का लाभ सभी को मिल रहा है. लेकिन धरातल पर कुछ और ही देखने को मिल रहा है. स्थानीय जनप्रतिनिधि भले ही दावा कर रहे हो की लोगों तक हमने मदद पहुंचाई है. लेकिन लोगों ने कहा की स्थानीय प्रतिनिधी इस मुसीबत की घड़ी मे हमें देखने तक नहीं आये.
लॉक डाउन में मध्यम वर्ग के लोगों को नहीं मिला लाभ
कोरोना संक्रमण की वजह से 22 मार्च जनता कर्फ्यू के बाद 24 मार्च से संपूर्ण देश मे लॉक डाउन घोषित कर दिया गया था. लेकिन बिहार मे 22 मार्च के मध्य रात्रि से ही पूरे राज्य मे राज्य सरकार की ओर से लॉक डाउन लागू कर दिया गया था. लॉक डाउन लगे हुये लगभग 5 माह से अधिक हो गए हैं. केन्द्र सरकार और राज्य सरकार भले ही लोगों को मदद पहुंचाने का दावा कर रही हो और कई कल्याणकारी योजना चलाने की बात कर रहे हो. लेकिन लोगों की माने तो सरकार के माध्यम से मदद नहीं मिली है.
मध्यम वर्ग के लोग परेशान
लोगों को इस मुसीबत की घड़ी में स्थानीय जनप्रतिनिधि की ओर से कितना मदद पहुंचाई गई है. इसकी जानकारी के लिए हम पटना के दो इलाके वार्ड नंबर 21 और 9 अदालतगंज,और कौशल नगर के लोगों की मानें तो सरकार ने हमें कोई मदद नहीं पहुंचाई है. सरकार के कर्मियों को तो छोड़ दीजिए. हमारे जनप्रतिनिधि जिन्हें हम वोट दिये वो भी इस घड़ी में हमे देखने तक नहीं आये.
लोगों में सरकार के प्रति नाराजगी
लोगों की नाराजगी और मदद नहीं मिलने की शिकायत को लेकर वार्ड नंबर 9 के पार्षद अभिषेक कुमार से बात की तो उन्होंने लोगों की शिकायतों का पल्ला झाड़ते हुए कहा की हमारी जितनी शक्ती थी. उतना लोगों तक मदद पहुंचाई है. हम आपको बता दें कि सरकार भले ही मदद पहुंचाने की दावा कर रही हो. लेकिन सरकार से मदद नहीं मिलने के कारण लोगों में सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के प्रति काफी गुस्सा भी देखने को मिल रहा है.