बिहार

bihar

ETV Bharat / state

चिराग गुट की नसीहत... 'चुल्लू भर पानी में डूब जाएं पशुपति पारस' - चिराग पासवान

चुनाव चिन्ह फ्रीज होने के बाद अब लोजपा नेता पशुपति पारस पर आक्रमक हो गए हैं. चिराग गुट के नेता अब पशुपति पारस को चुल्लू भर पानी में डूब जाने की नसीहत दे रहे हैं.

लोजपा नेता
लोजपा नेता

By

Published : Oct 4, 2021, 5:28 PM IST

Updated : Oct 4, 2021, 5:57 PM IST

पटनाःलोक जनशक्ति पार्टी (Lok Janshakti Party) के चुनाव चिन्ह (Election Symbol) चुनाव आयोग द्वारा फ्रीज किए जाने के बाद लोजपा (चिराग गुट) अब पशुपति पारस और नीतीश सरकार पर आक्रमक हो गई है. लोजपा प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी कृष्णा सिंह कल्लू ने कहा कि क्या कैबिनेट के एक मंत्री के इशारे पर चुनाव आयोग फैसला ले सकता है? या फिर कैबिनेट मंत्री के दबाव में फैसला लेना कहां तक उचित है. उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी से इसकी जांच करवाने की मांग की.

ये भी पढ़ेंःLJP (चिराग गुट) का आरोप- नीतीश और पारस के इशारे पर चुनाव आयोग ने 'बंगला' किया जब्त

लोजपा के प्रवक्ता कृष्णा सिंह कल्लू ने दावा किया कि लोजपा के संस्थापक और पूर्व केंद्रीय मंत्री पद्म भूषण से नवाजे गए स्वर्गीय रामविलास पासवान ने अपने खून पसीने से इस पार्टी को बनाया है. लोजपा ने केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर उनके ऊपर उनके बड़े भाई स्वर्गीय राम विलास पासवान का आशीर्वाद नहीं होता तो शायद वो अपने पैतृक गांव शहरबनी में मछली मारते नजर आते.

'अपने बड़े भाई स्वर्गीय राम विलास पासवान की पहली पुण्यतिथि मनाए जाने को लेकर जिस तरह से उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और ललन सिंह से मुलाकात की है और एक तस्वीर में राक्षसी हंसी हंसते नजर आ रहे हैं, इससे साफ साबित होता है कि रामविलास पासवान की पुण्यतिथि को भी लेकर वो राजनीतिक कर रहे हैं. पशुपति पारस को चुल्लू भर पानी में डूब जाना चाहिए'-कृष्णा सिंह कल्लू, प्रवक्ता लोजपा

बयान देते हुए लोजपा प्रवक्ता

कृष्णा सिंह कल्लू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया है कि इस पूरे प्रकरण की जांच करवाई जाए. वरना लोजपा (चिराग गुट) उग्र प्रदर्शन करेगी.

बता दें कि इसी साल जून के महीने में लोजपा में बड़ी टूट हुई थी. चिराग के चाचा एवं सांसद पशुपति पारस के साथ कुल पांच सांसद बागी हो गए थे. सांसदों ने चिराग की जगह पारस को संसदीय दल का नेता चुना था. इसके बाद पारस अपने गुट के कार्यकारिणी के लोगों के साथ बैठक कर चिराग की जगह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए. बाद में केंद्र सरकार में मंत्री भी बने.

ये भी पढ़ेंःअब नए नाम और सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे चिराग पासवान.. 'बंगला फ्रीज होने के पीछे षड्यंत्र'

पशुपति पारस के बगावती रूख अपनाने के बाद चिराग ने भी अपने गुट के नेताओं के साथ बैठक की और खुद को राष्ट्रीय अध्यक्ष और असली लोजपा बताया. बागी नेताओं को उन्होंने पार्टी से निकाल दिया. दोनों गुट खुद को असली लोजपा बता रहे थे. तब मामला चुनाव आयोग में गया. जिसके बाद चुनाव आयोग ने पार्टी के चुनाव चिह्न को फ्रीज कर दिया है. आयोग के इस अंतरिम आदेश के बाद अब दोनों ही गुट 'बंगला' का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं.

Last Updated : Oct 4, 2021, 5:57 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details