पटना: देश में सबसे ज्यादा संख्या में पाई जाने वाली डॉल्फिन की जान अब खतरे में है. बिहार में इसे सोंस के नाम से जाना जाता है. राजधानी से भागलपुर तक गंगा में अठखेलियां दिखाती देश की डॉल्फिन ने पूरे विश्व का ध्यान खींचा. बिहार के डॉल्फिन मैन आर के सिन्हा ने जब इस पर रिसर्च किया और लोगों को डॉल्फिन के बारे में बताया, तब तत्कालीन केंद्र सरकार ने इसे राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित कर दिया. अब पटना में जल्द ही डॉल्फिन रिसर्च सेंटर की परिकल्पना साकार होने वाली है.
खतरे में डॉल्फिन का जीवन
दूसरी तरफ गंगा में घट रहा जलस्तर और लगातार मछुआरों की बढ़ती सक्रियता सोंस के लिए परेशानी का सबब बन रही है. पटना स्थित जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के रीजनल डायरेक्टर डॉ. गोपाल शर्मा हाल ही में सोंस को लेकर गंगा भ्रमण पर निकले थे. इस दौरान उन्होंने तमाम स्थितियां और सोंस को लेकर गंगा की परिस्थितियों पर गहन अध्ययन किया.