पटना: बिहार विधानमंडल के मॉनसून सत्र की कार्यवाही का आज आठवां दिन है. सोमवार को सत्र की कार्यवाही शांतिपूर्ण तरीके से चली. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की मौजूदगी में पूरा विपक्ष शांतिपूर्वक कार्यवाही में हिस्सा लिया. प्रश्नकाल के दौरान अनुदान मांगों पर वाद-विवाद भी हुआ. वहीं, सदन में नगर विकास विभाग की ओर से आज बजट पेश किया गया. बजट के दौरान विपक्ष ने सरकार को घेरने की कोशिश की. राजद ने बजट को निराशाजनक करार दिया. साथ ही स्मार्ट सिटी में भी सरकार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया.
बिहार विधानसभा में भोजन अवकाश के बाद नगर विकास विभाग के बजट पर चर्चा हुई. 3 घंटे तक चली चर्चा में विपक्ष और सत्ता पक्ष के कई नेता शामिल हुए. विपक्ष की ओर से स्मार्ट सिटी के चयन से लेकर गरीबों के रैन बसेरा, जलजमाव जैसे मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश हुई. चर्चा के बाद जब नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा सरकार की ओर से जवाब देने लगे तो विपक्ष सरकार पर गरीब विरोधी होने का आरोप लगाते हुए मंत्री के जवाब का बहिष्कार किया और सदन से वॉकआउट कर गए.
55 अरब से अधिक के बजट को मंजूरी
बिहार विधानसभा में नगर विकास विभाग पर किये गये चर्चा में आपदा विभाग, योजना एवं विकास विभाग, पीएचईडी के बजट को भी मंजूरी दे दी गई. नगर विकास विभाग के 55 अरब से अधिक के बजट को भी मंजूरी मिल गई. लेकिन चर्चा के दौरान आरजेडी के अब्दुल बारी सिद्दीकी और भोला प्रसाद यादव तो वहीं कांग्रेस के अवधेश सिंह ने सरकार पर गरीब विरोधी होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी के चयन में बिहारशरीफ को प्राथमिकता दी गई. लेकिन गया, दरभंगा जैसे शहर को नजरअंदाज कर दिया गया.
भ्रष्टाचार का आरोप
विपक्षी सदस्यों ने सरकार की योजनाओं में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का भी आरोप लगाया. खासकर जलापूर्ति योजना में गड़बड़ी का आरोप लगाया. नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा ने विपक्ष के आरोप को गलत बताया और कहा कि मेरे कार्यकाल में जितना काम नगर विकास विभाग में हुआ है उतना कभी नहीं हुआ. मेरे कार्यकाल में भ्रष्टाचार तो हो ही नहीं सकता है, क्योंकि मैं खुद मॉनिटरिंग करता हूं.