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कम उम्र में तेजस्वी हजारों करोड़ के मालिक कैसे बने इसका खुली किताब में जिक्र नहीं: विजय सिन्हा - डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव

आईआरसीटीसी घोटाला मामले (IRCTC Scam Case) में सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव के खिलाफ दोबारा जांच करने का निर्णय लिया है. सीबीआई के फैसले पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. विजय सिन्हा (Leader of Opposition Vijay Sinha) ने तेजस्वी यादव की संपत्ति को लेकर जमकर निशाना साधा. पढ़ें -

विजय सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष, बिहार विधानसभा
विजय सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष, बिहार विधानसभा

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Published : Dec 27, 2022, 4:36 PM IST

Updated : Dec 27, 2022, 4:55 PM IST

नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा का तेजस्वी से सवाल

पटना: आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (RJD Supremo Lalu Yadav) पर सीबीआई का शिकंजा कसता जा रहा है. सीबीआई ने दोबारा IRCTC घोटाले की जांच शुरू (CBI Reopen IRCTC Scam Case ) कर दी है. वहीं इस एक्शन पर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने पलटवार करते हुए कहा था कि वो खुली किताब हैं. तेजस्वी यादव के इसी बयान को बीजेपी नेता विजय सिन्हा ने आड़े हाथों लिया है. उन्होंने तेजस्वी पर पलटवार करते हुए कहा है कि उनकी ये टिप्पणी अनर्गल है.

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तेजस्वी के संपत्ति की हो खुली चर्चा: बीजेपी विधानसभा दल के नेता विजय सिन्हा ने कहा कि तेजस्वी अगर खुली किताब हैं तो उनकी संपत्ति पर खुली चर्चा होनी चाहिए. विजय सिन्हा ने आगे कहा कि आखिर इतनी कम उम्र में उनके पास अकूत दौलत कहां से आई. उन्होंने कहा कि सीबीआई एक निष्पक्ष एजेंसी है और वह अपने तरीके से काम करती है.

''कम उम्र में तेजस्वी हजारों करोड़ का मालिक कैसे बन गया? 28 की उम्र में 28 बड़ी संपत्ति का मालिक कैसे बने? खुली किताब में तो ये जिक्र नहीं है. राजनीति में आते हैं गरीबों का मसीहा बन करके और हजारों-हजारों करोड़ का मालिक कैसे बना है? ये संपत्ति किसकी है. ऐसे लोगों की संपत्ति को सरकार जब्त करे''-विजय सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष, बिहार विधानसभा

भ्रष्ट नेताओं की संपत्ति जब्त करे सरकार: विजय सिन्हा ने लालू परिवार पर निशाना साधते हुए कहा कि कोई व्यापार नहीं किया फिर भी हजारों करोड़ रुपए की संपत्ति कहां से आई? वैसे नेता जो राजनीति में आकर हजारों करोड़ की संपत्ति इकट्ठा किए हैं, सरकार उनकी संपत्ति को जप्त करें.

सीबीआई ने खोला लालू के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस : बता दें कि सीबीआई ने इस मामले में साल 2018 में जांच शुरू की थी और मई 2021 में जांच को बंद कर दिया गया था. बताया जाता है कि सीबीआई को लालू के खिलाफ आरोपों पर पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं. इस मामले में लालू प्रसाद यादव के अलावा उनके बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, उनकी बेटी चंदा यादव और रागिनी यादव को भी अभियुक्त बनाया

''जब इस मामले में पहले कुछ नहीं मिला तो अब क्या मिलेगा? हमने कई बार कहा है कि सीबीआई को हमारे घर में ही अपना दफ्तर खोल देना चाहिए. बावजूद इसके सीबीआई के लोग फिर से IRCTC मामले की जांच करना चाह रहे हैं. हमें उससे कोई दिक्कत नहीं है. जैसे चाहें, जब चाहें जांच करें, हम तैयार हैं. सीबीआई क्या-क्या कर रही है या केंद्र सरकार क्या-क्या कर रही है, यह देश की जनता देख रही है और ऐसे जांच का सामना करने को हम पूरी तरह से तैयार हैं.''- तेजस्वी यादव, डिप्टी सीएम, बिहार

क्या है रेलवे परियोजनाओं से जुड़ा मामला:बताया जाता है कि इस मामले में कहा गया था कि लालू यादव ने रेलवे के प्रोजेक्ट्स निजी कंपनी को देने के एवज में दक्षिणी दिल्ली की एक प्रॉपर्टी रिश्वत के तौर पर हासिल की थी. आरोप था कि इस निजी कंपनी ने एक शेल कंपनी के जरिए प्रॉपर्टी काफी कम दाम में खरीदी और फिर इस शेल कंपनी को तेजस्वी यादव और लालू यादव के संबंधियों ने खरीद लिया. शेल कंपनी को खरीदने के लिए महज चार लाख रुपये की राशि शेयर ट्रांसफर के जरिए चुकाई गई.

Last Updated : Dec 27, 2022, 4:55 PM IST

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