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लालू ने नीतीश-मोदी से पूछा- '15 बरस का हिसाब देने में कौनो दिक्कत बा?' - lalu yadav sought account of 15 years of government work

आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव कोरोना वायरस के बीच ट्विटर पर एक्टिव हुए हैं, उन्होंने कहा कि, नीतीश सरकार में लोकलाज नहीं रही, जनादेश का सम्मान तो रख लेते.

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Published : May 10, 2020, 8:57 PM IST

पटना:आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव ने एक बार फिर नीतीश सरकार पर हमला बोला है. बिहार के पूर्व मुखयमंत्री ने ट्वीट कर पूछा है कि, बिहार की नीतीश कुमार सरकार को अपने 15 वर्ष के शासनकाल का हिसाब देने में क्या दिक्कत है.

लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट के जरिए कहा, 'बिहार सरकार अपना, नैतिक, प्राकृतिक, आर्थिक, तार्किक, मानसिक, शारीरिक, सामाजिक, आध्यात्मिक, व्यवहारिक, न्यायिक, जनतांत्रिक और संवैधानिक चरित्र एवं संतुलन पूरी तरह खो चुकी है. लोकलाज तो कभी रही ही नहीं लेकिन जनादेश डकैती का तो सम्मान रख लेते. 15 बरस का हिसाब देने में कौनो दिक़्क़त बा?'

'स्कूली शिक्षा चरवाहा विद्यालय के स्तर पर आ गई थी'
इसके बाद सुशील मोदी ने मोर्चा संभाला. बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने 'ट्वीट कर लिखा- आरजेडी के शासन काल में ना तो बिहार में अच्छी सड़क थी, न पर्याप्त बिजली थी और विकास भी ठप था. स्कूली शिक्षा चरवाहा विद्यालय के स्तर पर आ गई थी और राजनीतिक पसंद के लोगों को कुलपति बनाकर विश्वविद्यालयों की गुणवत्ता नष्ट कर दी गई थी.

सूमो के निशाने पर लालू-राबड़ी

सुशील मोदी ने आगे कहा कि, 'जिन लालू प्रसाद के कारण लाखों मजदूरों, छात्रों और रोजगार देने वाले उद्यमियों को बिहार छोड़ना पड़ा, वे खुद बिहारियों की मुसीबत और शर्मिंदगी के सियासी गुनहगार हैं. जिन्हें अपने किए के लिए माफी मांगनी चाहिए, वे जेल से ट्वीट कर सवाल पूछ रहे हैं. बिहार को चौपट कर महापलायन कराने के सियासी गुनहगार लालू किस मुंह से सवाल पूछ रहे हैं. सुशील मोदी ने कहा कि अगर लालू प्रसाद को अपने राजपाट की भयावहता याद न हो, तो 'गंगा जल' और 'अपहरण' फिल्म फिर से देख लें.'

राबड़ी देवी का वार

इसके बाद बारी राबड़ी देवी की थी. उन्होंने लिखा- 'सरकारी ख़ज़ाने में जमा ग़रीबों का पैसा ग़रीबों पर खर्च करने में बिहार सरकार को इतना ज़ोर पड़ रहा है माने अपने बाप-दादा की जायदाद बेच खर्च कर रहे है. अपना चेहरा चमकाने के लिए 500 करोड़ की विज्ञापन रूपी फ़ेयर & लवली ख़रीदते वक़्त नहीं क्यों सोचते?'

सुशील मोदी का पलटवार

राबड़ी के ट्वीट पर सूमो ने पलटवार किया. उन्होंने लिखा- 'लालू-राबड़ी राज में नैतिकता को ताक पर रख कर चारा-अलकतरा घोटाले किए गए. सड़क, बिजली, सिंचाई के विकास की उपेक्षा करना और अपहरण उद्योग को संरक्षण देना उनकी महान आर्थिक नीति का आधार था. लालूनानिक्स में कालेधन से रंगभेद नहीं किया जाता था. सामाजिक संतुलन का सूत्र वाक्य था- भूरा बाल साफ करो. लोकलाज का आदर्श तो तब स्थापित हुआ, जब चारा घोटाले में जेल जाने की नौबत आने पर तत्कालीन मुख्यमंत्री ने तमाम वरिष्ठ नेताओं को धकिया कर अपनी पत्नी को खड़ाऊ मुख्यमंत्री बनवा दिया. जिन्होंने संविधान, लोकलाज और राजधर्म की मर्यादाएं तोड़ीं, वे जेल से ज्ञान दे रहे हैं.'

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