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3 साल बाद जेल से बाहर निकले राजद सुप्रीमो, फिलहाल एम्स में ही भर्ती रहेंगे लालू

चारा घोटाले मामले में सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव तीन साल बाद जेल से रिहा हो गए. 17 अप्रैल को झारखंड हाई कोर्ट ने लालू को जमानत दी थी. अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य में दूर रहने की वजह से बेल बॉन्ड सहित आगे की प्रक्रिया नहीं हो पा रही थी. गुरुवार को बेल की सारी प्रक्रिया पूरी की गई.

लालू
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Published : Apr 30, 2021, 9:04 PM IST

रांची:चारा घोटाले मामले में सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव तीन साल बाद शुक्रवार को जेल से रिहा हो गए. 17 अप्रैल को झारखंड हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद गुरुवार को सीबीआई कोर्ट में बेल बॉन्ड भरा गया. इसके बाद कोर्ट ने रिलीज ऑर्डर जारी किया था. सीबीआई कोर्ट की तरफ से रिलीज ऑर्डर मिलने के बाद जेल प्रबंधन ने दिल्ली एम्स निदेशक को मेल के माध्यम से रिलीज ऑर्डर भेजा. जेल आईजी बीरेंद्र भूषण ने कहा है कि एम्स प्रबंधन ने लालू प्रसाद को रिहा कर दिया है और अब उनका इलाज एम्स में निजी खर्चे पर होगा.

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अभी एम्स में ही रहेंगे लालू
बता दें कि चारा घोटाला के दुमका कोषागार में अवैध निकासी से जुड़े मामले में 19 मार्च 2018 से लालू प्रसाद रांची के बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में सजा काट रहे थे. रिहा होने के बाद भी लालू अभी एम्स में ही रहेंगे. कई गंभीर बीमारी से ग्रसित लालू प्रसाद को परिवार वालों ने उन्हें फिलहाल एम्स में ही रखने का फैसला लिया है. डॉक्टरों की सलाह पर ही उन्हें अस्पताल से बाहर लाया जाएगा. मिली जानकारी के मुताबिक लालू प्रसाद जल्द ही डॉक्टरों से राय लेने के बाद कोविड का वैक्सीन भी लगावायेंगे जिससे संक्रमण से बचा जा सके.

लालू के वकील प्रभात कुमार की मानें तो लंबे समय के बाद लालू प्रसाद जेल से बाहर आए हैं लेकिन स्वास्थ्य कारणों से एम्स के चिकित्सकों की सलाह के बाद ही वो एम्स से बाहर निकलेंगे. कोरोना संक्रमण के कारण लालू के परिवार वाले लालू को एम्स से बाहर निकालने के लिए कोई रिस्क नहीं उठाना चाह रहे हैं. यही वजह है कि फिलहाल कुछ दिन और लालू प्रसाद एम्स में ही रहेंगे.

12 दिनों से अटकी थी प्रक्रिया
बता दें कि चारा घोटाला से संबंधित दुमका कोषागार के मामले में बीते 17 अप्रैल को ही हाई कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव को जमानत दे दी थी. लेकिन झारखंड में अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य में दूर रहने की वजह से बेल बॉन्ड सहित आगे की प्रक्रिया नहीं हो पा रही थी. इसके बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया की तरफ से जारी सर्कुलर के बाद सारी प्रक्रिया पूरी की गई.

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