पटना:एलजेपी (LJP) की टूट के बाद जेडीयू (JDU) सांसद और नीतीश कुमार (CM Nitish kumar) के करीबी ललन सिंह (Lalan Singh) की चर्चा खूब हो रही है. ललन सिंह पशुपति पारस (Pashupati Paras) के साथ पटना से लेकर दिल्ली तक लगातार बैठकें करते रहे. उन्होंने सूरज भान सिंह और वीणा सिंह को साधने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
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ललन सिंह पहले भी जदयू के लिए कई बड़े अभियान चला चुके हैं. उन्होंने चुनाव से पहले RJD के 5 विधान पार्षदों को तोड़ने में बड़ी भूमिका निभाई थी. पहले भी ललन सिंह कई मामलों को लेकर चर्चा में रहे हैं.
एक समय नीतीश कुमार से नाराजगी भी हुई थी, लेकिन वह आज भी नीतीश के खास बने हुए हैं. वह नीतीश के प्रमुख सलाहकारों में हैं.
राजनीति के माहिर खिलाड़ी हैं ललन सिंह
बिहार में ललन सिंह राजनीति के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं. राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के खिलाफ मुहिम चलाने से लेकर चिराग पासवान (Chirag Paswan) को सबक सिखाने तक में ललन सिंह ने बड़ी भूमिका निभाई है. वह नीतीश के लिए तुरुप का इक्का बने हुए हैं.
ललन ने निभाई बड़ी भूमिका
लोजपा टूट प्रकरण में ललन सिंह ने सबसे बड़े खिलाड़ी के रूप में भूमिका निभाई. ऐसे तो महेश्वर हजारी और कुछ और जदयू नेताओं ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, लेकिन ललन सिंह की चर्चा सबसे अधिक है.
चिराग को बताया था कालिदास
बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान के नीतीश विरोधी रवैये पर ललन सिंह ने उन्हें कालिदास बताया था. ऐसा नहीं है कि ललन सिंह आज पहली बार चर्चा में हैं. विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आरजेडी के पांच विधान पार्षद जदयू में शामिल हो गए थे. इस अभियान को ललन सिंह ने संभाला था. आरजेडी और कांग्रेस के कई विधायकों को जदयू में शामिल कराने में भी ललन सिंह की अहम भूमिका रही.
राबड़ी ने लगाया था आरोप
लालू प्रसाद यादव की अवैध संपत्ति को लेकर सुशील मोदी ने खुलासा किया था. उन्हें डॉक्यूमेंट उपलब्ध कराने में ललन सिंह की भूमिका मानी जाती है. नीतीश कुमार से नजदीकियों को लेकर विपक्ष के कई नेताओं ने उन पर कई तरह के आरोप लगाए हैं. पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने भी उनपर कई गंभीर आरोप लगाए थे. उसको लेकर मामला कोर्ट में गया था. बाद में जब आरजेडी और जदयू की सरकार बनी तो मामला सुलझा लिया गया था.
चिराग पासवान भी कम जिम्मेदार नहीं
राजनीतिक विशेषज्ञ प्रोफेसर अजय झा का कहना है कि लोजपा की टूट में ललन सिंह की भूमिका हो सकती है. अब कितनी भूमिका है यह तो नहीं कहा जा सकता. ललन सिंह नीतीश कुमार के प्रमुख सलाहकार हैं. इससे कोई इनकार नहीं कर सकता. पहले भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका देखने को मिली है. वह चर्चा में भी रहे हैं.
"लोजपा मामले में चिराग पासवान भी कम जिम्मेदार नहीं हैं. उन्होंने जब पार्टी की कमान अपने हाथ में ली थी तब उनकी जिम्मेदारी थी कि सभी लोगों को साथ लेकर चलें. उन्हें अपने आप को अभिमानी होने से बचाना चाहिए था."- प्रोफेसर अजय झा, राजनीतिक विशेषज्ञ
ललन ने निभाई चाणक्य की भूमिका
राजनीतिक विशेषज्ञ डॉक्टर संजय कुमार ने कहा, "ललन सिंह नीतीश कुमार के सबसे विश्वस्त रहे हैं. चाहे नीतीश कुमार सत्ता में रहें या नहीं, लेकिन ललन सिंह हमेशा उनके साथ रहे. बीच में कुछ दिनों के लिए दोनों के बीच मन-मुटाव की स्थिति बनी थी. इसके अलावा दोनों हमेशा साथ रहें हैं."
"नीतीश कुमार इन पर भरोसा करते हैं. जब किसी को साधना होता है तो नीतीश कुमार इसकी जिम्मेदारी ललन सिंह को देते हैं. ललन सिंह अपने अभियान को गोपनीय तरीके से अंजाम देते हैं. ललन सिंह ने लोजपा के टूट के मामले में चाणक्य की भूमिका निभाई."- डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विशेषज्ञ