पटना: दीघा ब्रिज हाल्ट (Digha Bridge Halt) वर्षों से मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. यहां पर यात्रियों को सेड, कुर्सी, पानी सहित अन्य कोई भी मूलभूत सुविधाएं (Basic Amenities) नहीं मिल रही हैं. फिर भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. सुविधाओं के अभाव में स्टेशन पर यात्रियों को भारी परेशानियों (Inconvenience To Passengers) का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में मूलभूत सुविधाओं को लेकर रेलवेप्रशासन रेल अधिकारी से पूछा गया, तो उनका कहा था कि रेल ट्रैक दोहरीकरण के बाद सुविधा मुहैया कराया जाएगा.
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यात्री मूलभूत सुविधाओं से वंचित
बता दें कि दीघा ब्रिज हाल्ट पर यात्री सेड छोटे-छोटे बनाया जरूर गया हैं लेकिन उस सेड में एक पंखा तक नहीं लगाया गया है. वहीं, सबसे बड़ी समस्या तो यह है दीघा ब्रिज हाल्ट पर यात्रियों को शुद्ध पानी पीने की व्यवस्था नहीं है. हालांकि, पहले से एक सरकारी चापाकल लगाया जरूर गया है वह चापाकल पीने लायक पानी नहीं देता है. जिस कारण यहां आने वाले यात्री पानी के लिए परेशान होते हैं तो तपती धूप में पेड़ों की छांव तलाशते नजर आते हैं.
इसके साथ ही आपको बताते चलें की हॉल्ट पर एक बाथरूम तक की सुविधा नहीं है. महिला यात्रियों को वॉशरूम जाने के लिए काफी दिक्कत होती है, लेकिन रेलवे प्रशासन ने यहां एक बाथरूम बनाना भी मुनासिब नहीं समझा.
बिना टिकट यात्री कर रहे हैं सफर
आपको बता दें कि उत्तर बिहार को जोड़ने वाली दीघा ब्रिज से ठीक पहले दीघा ब्रिज हाल्ट बनाया गया है. लगभग प्रति दिन 500 यात्री सफर करते हैं. यहां पर कुछ ट्रेनों को कुछ मिनटों के लिए स्टॉपेज दिया जाता है. कोरोना काल में कुछ पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन जरूर रद्द किया गया है, लेकिन टिकट काउंटर बंद होने के कारण वहां के आसपास से पहुंचने वाले यात्रियों को बिना टिकट लिए हैं सफर करना पड़ता है. वहीं, अधिकारी की मानें तो उन्होंने बताया कि टिकट काउंटर 5 जून से कार्य करने लगेगा. ट्रेन और यात्री इस काउंटर पर नहीं पहुंच रहे थे. ऐसे में कल से टिकट काउंटर शुरू हो जाएगा.
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यात्रियों को हो रही परेशानी
दीघा बड़ी रेल लाइन दोहरीकरण क्या काम तेजी से चल रहा है क्योंकि सिंगल ट्रेक होने के कारण एक ट्रेन को क्रॉस कराने के चक्कर मे दूसरे ट्रेन को दूसरे वाले स्टेशन पर रोक दिया जाता है. हालांकि, स्थानीय ने यात्री शेड और मूलभूत सुविधाओं को लेकर के कई बार आवाज बुलंद की. जिसके बाद छोटे-छोटे चार सेड तो जरूर बना दिए गए हैं, लेकिन वह सेड में एक भी पंखा नहीं लगा है. जिस कारण से लोगों को काफी दिक्कत होती है.