पटना: कृषि कानून के विरोध में किसान आंदोलन जारी है और किसान दिल्ली की सीमा पर लगातार डटे हैं. किसानों के समर्थन में बिहार में भी भाकपा माले आंदोलन कर रहा है. वहीं आंदोलन को तेज करने के लिए लिए भाकपा माले की तरफ से 11 मार्च को स्वामी सहजानंद सरस्वती की जयंती पर बिहटा में किसान सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा और कृषि कानून के विरोध में आवाज उठायी जाएगी.
किसान दिवस के रूप में मनायी जाएगी जयंती
भाकपा माले के प्रदेश सचिव कुणाल ने जानकारी दी कि जिस तरीके से ब्रिटिश शासन में किसानों के नेता स्वामी सहजानंद सरस्वती ने आवाज उठाई थी. उसी प्रकार अब अडानी, अंबानी और मोदी राज के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा. स्वामी सहजानंद सरस्वती की जयंती को किसान दिवस के रूप में मनाया जाएगा. तीनों किसान विरोधी काले कानून की वापसी की मांग की जाएगी. भाकपा माले व अखिल भारतीय किसान महासभा के द्वारा हर जिला मुख्यालय और प्रखंड में किसान मार्च निकाला जाएगा.
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किसान आन्दोलन की बनेगी रणनीति
उन्होंने बताया कि बिहटा में स्वामी सहजानंद सरस्वती की जयंती के अवसर पर मोदी शासन में लागू किए जा रहे है कंपनी राज के खिलाफ किसान सम्मेलन किया जाएगा. जिसमें पार्टी के महासचिव कामरेड दीपांकर भट्टाचार्य शामिल होंगे. किसान आंदोलन को तेज करने की रणनीति बनाई जाएगी. जल्द ही पूरे बिहार में किसान पंचायत का आयोजन किया जाएगा. जिसके तहत बिहार के सभी किसान चाहे वह भाजपा या जदयू को समर्थन करते हो उन्हें भी जागरूक करने का काम किया जाएगा. स्वामी सहजानंद सरस्वती की जयंती बिहार में एक बड़े किसान आंदोलन को तैयार करने की रणनीति बनाई जाएगी.